सनातन ब्राह्मण संघ द्वारा संगोष्ठी आयोजित — हाजीपुर

हाजीपुर, हरिहरक्षेत्र–आज 12 अक्टूबर 2023 को “सनातन ब्राह्मण संघ” के द्वारा बड़ी दुर्गा मंदिर कौनहारा घाट हाजीपुर के दिव्य परिसर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का प्रारंभ श्री गणपति स्त्रोत से किया गया। जिसमें सभी विप्र ब्राह्मण की संख्या संघ में कैसे बढ़े इस पर सभी विद्वानों ने विभिन्न प्रकार से सुझाव दिया। साथ ही संघ के अध्यक्ष आचार्य पं० सिद्धिनाथ पांडेय ने बताया की सनातन धर्म का पावन पर्व नवरात्र इस महीने 15 अक्टूबर को शुरू होगा, यानी शारदीय नवरात्र का पावन पर्व 15 अक्टूबर रविवार से प्रारंभ होगा, यह पर्व 23 अक्टूबर तक चलेगा। साथ ही 24 को विजया दशमी का त्यौहार मनाया जाएगा। मालूम हो कि शारदीय नवरात्र में इस वर्ष माँ दुर्गा का आगमन हाथी और वापसी मुर्गे पर होगा। इस वर्ष नवरात्र पूरे नौ दिन का होगा। माता का हाथी पर आगमन अति शुभ माना गया है। इसे खेती के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। संघ के उपाध्यक्ष आचार्य पं० मृत्युंजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि के पहले दिन चित्रा व स्वाति नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इन नक्षत्रों को शुभ कार्य के लिए उत्तम माना गया है। यानि माता का आगमन इस बार अत्यंत शुभ माना गया है। ज्ञात हो कि इस बार माँ दुर्गा की सवारी पंचाङ्ग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 को रात 11.24 मिनट पर शुरू होगी। साथ ही 15 अक्टूबर 2023 को मध्यरात्रि 11.52 मिनट पर समाप्त होगी। इस बार शारदीय नवरात्रि में कलस्थापना 15 अक्टूबर को ब्रह्ममुहूर्त 3.04 से रात्रि 11.52 तक के मुहूर्त को शुभ बताया गया है। मालूम हो कि इस नवरात्र में 15 को कलश स्थापना के बाद पूरे नौ दिनों का नवरात्र होगा। जिसमें 20 अक्टूबर को विल्वाभिमंत्रण, जबकि 21 अक्टूबर को महारात्रि निशा पूजा, पत्रिका प्रवेश, जागरण होगा।


वहीं 22 अक्टूबर को महाअष्टमी होगा। जबकि 23 अक्टूबर को अष्टमी पारण व महानवमी के साथ ही हवन पूर्णाहूति होगा। वहीं 24 अक्टूबर को अपराजिता पूजा, विजयादशमी, देवी विसर्जन व सरस्वती विसर्जन होगा।”सनातन ब्राह्मण संघ” के संरक्षक आचार्य पं० राधेश्याम द्विवेदी ने बताया कि हिंदू पंचाङ्ग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि प्रारंभ होता है। नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि यानी पहले दिन घटस्थापना यानि कलश स्थापना की जाती है। मान्यता है, कि भगवती की नवरात्रि में उपासना से सुख समृद्धि व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। बड़ी दुर्गा मंदिर कौनहारा हाजीपुर के मुख्य पुजारी आचार्य पं० रंजीत पाण्डेय ने कहा की नवरात्रि में माता को नव दिनों अलग अलग भोग लगाएँ। प्रथम शैलपुत्री- घी,अनार, द्वितीय ब्रह्मचारिणी -चीनी,सेब, तृतीय चंद्रघण्टा- दूध,केला, चतुर्थ कूष्माण्डा- मालपुआ,नाशपाती, पंचम स्कन्दमाता-
केले,अंगूर, षष्ठम कात्यायनी- शहद,अमरूद, सप्तम कालरात्रि गुड़,चीकू, अष्टम महागौरी-नारियल,शरीफा, नवम सिद्धदात्री- सफेद तिल,संतरा।संघ की आगामी बैठक इसी स्थान पर 29 अक्टूबर 2023 को होगी जिसमें सभी प्रकार के ब्राह्मणों को आने के लिए सादर निवेदन किया गया।


आज की संगोष्ठी में मुख्यरूप से आचार्य पं० राधेश्याम द्विवेदी, आचार्य पं० सिद्धिनाथ पांडेय, आचार्य पं० मृत्युंजय कुमार द्विवेदी, पंडित दीनानाथ त्रिपाठी,पं. नवीन तिवारी, पं० बिपिन पाण्डेय, पं० कृष्ण कन्हैया तिवारी,पं० आनंद चौबे,पं० उमेश तिवारी, राजीव कुमार सिंह “गोलटू” इत्यादि का रहा।
संगोष्ठी के अंत मे सर्वत्र शांति के लिए दिशा के संस्थापक सचिव आचार्य राजेश तिवारी ने उपस्थित सभी ब्राह्मणों के साथ शांति पाठ किया।

Ravi sharma

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