श्वेत क्रांति के जनक डा० वर्गीज कुरियन को शिल्पकार मधुरेन्द्र ने यूं किया याद-

डॉ वर्गीज कुरियन के 7वें पुण्यतिथि पर शिल्पकार मधुरेन्द्र ने प्रतिमा बनाई

श्रीपुर के बीएमसी में डॉ वर्गीज कुरियन की प्रतिमा बनाते शिल्पकार मधुरेन्द्र

घोड़ासहन, पूर्वी चंपारण- दुनिया में श्वेत क्रांति के जनक कहे जाने वाले डॉ वर्गीज़ कुरियन के 7वें पुण्यतिथि पर घोड़ासहन थाना क्षेत्र के श्रीपुर में स्थित दूध शीतक केंद्र परिसर में सोमवार को सुप्रसिद्ध शिल्पकार सह सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने उनकी सुंदर व मनमोहक प्रतिमा बनाकर उनको खास अंदाज में याद किया। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने बताया कि कुरियन साहब एक प्रसिद्ध भारतीय सामाजिक उद्यमी थे और ‘फादर ऑफ़ द वाइट रेवोलुशन’ के नाम से अपने ‘बिलियन लीटर आईडिया’ विश्व का सबसे बड़ा कृषि विकास कार्यक्रम – के लिए आज भी मशहूर हैं। इस ऑपरेशन ने 1998 में भारत को अमरीका से भी ज़यादा तरक्की दी और दूध -अपूर्ण देश से दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बना दिया| डेयरी खेती भारत की सबसे बड़ी आत्मनिर्भर उद्योग बन गयी। उन्होंने पदभार संभालकर भारत को खाद्य तेलों के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता दी।

बता दें कि 26 नवम्बर 1921 में मद्रास में जन्में डॉ वर्गीज कुरियन का देहांत 9 सितंबर 2012 को हुआ था।

मौके पर पथ प्रभारी सत्यनारायण राय, दुग्ध शीतक केंद्र के सचिव राजदेव प्रसाद, समिति के अध्यक्ष रामएकबाल राय, शुशील कुमार, संतोष कुमार, कौशल कुमार, सुनील कुमार, अनिल कुमार, आशीष कुमार सहित सैकड़ों लोगों ने मधुरेन्द्र की कलाकारी को सराहा। वही डॉ कुरियन साहब बनी प्रतिमा पर पुष्व अर्पित कर नमन करते श्रंद्धाजलि आर्पित की।

Ravi sharma

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