श्रीअमरनाथ यात्रा 28 जून से 22 अगस्त तक-श्री नगर

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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श्रीनगर – श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया है कि इस साल की वार्षिक अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 28 जून से होगी। गत वर्ष कोरोना महामारी के चलते वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया था लेकिन इस साल 28 जून से इस यात्रा की शुरुआत होगी जो श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन 22 अगस्त यानि 56 दिनों तक जारी रहेगी। इस साल यह यात्रा सरकार द्वारा जारी कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत होगी। गौरतलब है कि कश्मीर के अनंतनाग जिले में अमरनाथ की यात्रा को लेकर देश भर के भक्तों को साल भर इंतजार रहता है। यात्रियों के लिए इस यात्रा को सुगम बनाने के लिये श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड व्यापक इंतजाम करता है। यात्रियों के रहने और खाने-पीने से लेकर उनके लिये बसों का इंतजाम किया जाता है। वहीं इस यात्रा की सुरक्षा के लिये अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया जाता है। अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से तैयारियां शुरू कर दी गयी है। वहीं भारतीय सेना सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर लिये हैं , सेना हर तरफ की चुनौतियों से निपटने के लिये पूरी तरह से तैयार है , यात्रा मार्ग पर जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बल भी लगाये जायेंगे। इस यात्रा का असर जम्मू कश्मीर के व्यापार पर भी पड़ता है और व्यापारियों को इस यात्रा से खासी उम्मीदें रहती है। दिलचस्प बात ये है कि जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह पहली अमरनाथ यात्रा है। क्योंकि बीते साल कोरोना महामारी के चलते वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया था।

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अप्रैल से
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इस यात्रा में शामिल होने के लिये श्रद्धालुओं को पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक अप्रैल से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की जायेगी। श्रद्धालु पंजाब नेशनल बैंक , जम्मू-कश्मीर बैंक और यस बैंक की 446 चयनित ब्रांचों में जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।

रेडियो फ्रीक्वेंसी से होगी निगरानी
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अमरनाथ यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा सरकार की पहली और अहम प्राथमिकता है। इस बार यात्रा मार्ग पर रेडियो फ्रीक्वेंसी से श्रद्धालुओं की निगरानी की जायेगी। इसके लिये सरकार की ओर से आधार शिविरों , बालटाल और पहलगाम में आवश्यक कंट्रोल रूम स्थापित किये जायेंगे। यात्रा शुरू करने से पहले श्रद्धालुओं को टैग दिये जायेंगे , इनकी मदद से यात्रा मार्ग के दौरान उन पर पूरी तरह से नजर रखी जायेगी। ऐसा इसलिये किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं से जुड़ी सभी जानकारियों का डाटा एकत्रित किया जा सके। अगर किसी आपात स्थिति में श्रद्धालु को कोई मदद चाहिये होगी तो तुरंत उस तक मदद और उपस्थिति की सटीक जानकारी मिल सकेगी।

गुफा का इतिहास
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श्रीअमरनाथ गुफा का इतिहास हजारों साल पुराना माना जाता है। यहां बर्फ की टपकती बूंदों से 10-12 फीट ऊंचा शिवलिंग हर साल बनता है। अमरनाथ शिवलिंग की ऊंचाई चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ घटती-बढ़ती रहती है। पूर्णिमा पर शिवलिंग अपने पूरे आकार में होता है, जबकि अमावस्या पर शिवलिंग का आकार कुछ छोटा हो जाता है अमरनाथ गुफा से जुड़ी धार्मिक मान्यता ये है कि इसी जगह पर शिवजी ने देवी पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। उस समय देवी पार्वती तो सो गई थीं, लेकिन एक कबूतर ने छिपकर शिवजी से अमरत्व का रहस्य सुन लिया था। इसके बाद वह कबूतर अमर हो गया। श्रीनगर से करीब 145 किलोमीटर की दूरी पर अमरनाथ गुफा स्थित है। यह गुफा लगभग 150 फीट ऊंची और लगभग 90 फीट लंबी है। ये गुफा करीब 4000 मीटर की ऊंचाई पर है। गुफा में शिवलिंग पूरी तरह प्राकृतिक रूप से निश्चित समय के लिये ही बनता है। यहां श्रीगणेश , पार्वती और भैरव के हिमखंड भी बन जाते हैं।

कैसे पहुंचें अमरनाथ ?
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बाबा अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिये दो रास्ते हैं। एक पहलगाम से और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से है। देश के किसी भी क्षेत्र से पहले पहलगाम या बालटाल पहुंचना होता है। इसके बाद की यात्रा पैदल होती है। पहलगाम से अमरनाथ जाने का रास्ता सुविधाजनक समझा जाता है। इसकी दूरी 48 किमी है। बालटाल से अमरनाथ गुफा की दूरी 14 किलोमीटर है, लेकिन ये मार्ग मुश्किलों से भरा है। इसी वजह से अधिकतर यात्री पहलगाम के रास्ते अमरनाथ जाते हैं।

यात्रा हेतु उम्र बंधन
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यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये बोर्ड ने इस साल दोनों मार्गों (अनंतनाग जिले के पहलगाम में 46 किलोमीटर लंबे पारंपरिक मार्ग और गंदेरबल जिले के बालटाल में 12 किलोमीटर लंबे रास्ते) से एक साथ यात्रा शुरू करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘इस साल सरकार द्वारा जारी कोविड-19 गाइडलाइन के तहत यात्रा होगी। तेरह साल से कम और 75 वर्ष से अधिक आयु के किसी व्यक्ति को यात्रा की अनुमति नहीं होगी।

नि:शुल्क रहेगी कार सेवा
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बैठक में इस बार यात्रियों की दैनिक संख्या को 7,500 से बढ़ाकर दस हजार करने का भी निर्णय लिया है जिनमें हेलीकॉप्टरों से यात्रा करने वाले यात्री शामिल नहीं होंगे। इस साल की यात्रा की खास बात बालटाल से डोमेल के बीच के 2.75 किलोमीटर लंबे हिस्से में आवाजाही के लिये बैटरी से चलने वाली कार की सेवा निशुल्क उपलब्ध कराना है। इसके अलावा अगले तीन साल के लिये पुजारियों का दैनिक वेतन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये करने का निर्णय भी लिया है।वहीं यात्रियों और सेवा प्रदाताओं के सामूहिक दुर्घटना बीमा कवर की राशि को तीन लाख रूपये से बढ़ाकर पांच लाख रूपये जबकि खच्चरों का बीमा कवर तीस हजार रूपये से बढ़ाकर पचास हजार रुपये कर दिया गया है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने कहा है कि लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुये सुबह और शाम की आरती का लाइव टेलीकास्ट/ वचुर्अल दर्शन जारी रखेगा। इसके अलावा पारंपरिक अनुष्ठान पिछली बार की तरह होते रहेंगे।

Ravi sharma

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