राजपथ पर दिखेगा छग के लोक संगीत का वाद्य वैभव-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – इस बार गणतन्त्र दिवस में नई दिल्ली के राजपथ पर छत्तीसगढ़ के लोक संगीत का वाद्य वैभव का नजारा देखने को दिखेगा। एक ओर जहाँ कई बड़े राज्यों की झांकियाँ इस बार अपना स्थान बनाने चूक गयी। वहीं रक्षा मंत्रालय के विशेषज्ञ समिति ने गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के लिये छत्तीसगढ़ राज्य की झांँकी को लगातार दूसरे साल भी मंजूरी दे दी है। छग की झांँकी के चयन किये जाने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बधाई दी है। गौरतलब है कि रक्षा विभाग की कठिन चयन प्रक्रिया से गुजरने के बाद इस बार की झांँकी में छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्यों को उनके सांस्कृतिक परिवेश के साथ प्रदर्शित किया जायेगा। देश के कई बड़े राज्यों को पीछे छोडते हुये छत्तीसगढ़ की झांँकी ने अपना स्थान सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि झांँकी में छत्तीसगढ़ के दक्षिण में स्थित बस्तर से लेकर उत्तर में स्थित सरगुजा तक विभिन्न अवसरों पर प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्य शामिल किये गये हैं। इनके माध्यम से छत्तीसगढ़ के स्थानीय तीज त्योहारों तथा रीति रिवाजों में निहित सांस्कृतिक मूल्यों को भी रेखांकित किया गया है। इस विषयवस्तु पर आधारित झांँकी को पांँच राऊँड की कठिन प्रक्रिया के बाद अंतिम स्वीकृति मिली है। इस बार कई पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड , तेलंगाना , ओड़िशा सहित बिहार, राजस्थान जैसे कई बड़े राज्यों की झांँकी का चयन नहीं हो पाया है। देश के विभिन्न राज्यों के बीच कड़ी स्पर्धा और कई चरणों से गुजरने के बाद अंतिम रूप से छत्तीसगढ़ की झांँकी का चयन हुआ है। तीन महीने तक कलाकारों की वेषभूषा और संगीत पर शोध कर त्रिआयामी मॉडल तैयार किया गया, जिसका रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने चयन किया है।

Ravi sharma

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