रघुनाथगंज मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न–

जीवन में चिंता नहीं, चिंतन करिए आचार्य रंजीत शास्त्री
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देवतुल्य होते हैं माता-पिता और गुरु : आचार्य रंजीत शास्त्री
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रघुनाथगंज मंदिर प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ के मुख्य आचार्य रंजीत शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ मंडप में पूजा अर्चन कराते हुए कहा कि माता पिता देवता तुल्य होते हैं। हमें अपने माता-पिता की हर बात माननी चाहिए। जो लोग अपने माता पिता को शारीरिक अथवा मानसिक कष्ट देते हैं, वह पाप के भागी होते हैं।

माता पिता को दुखी करने वाले लोग कभी सुखी हो ही नहीं सकते। इसी तरह गुरु का भी हमारे जीवन में उच्च स्थान है। हमें हर कीमत पर और हर परिस्थिति में गुरु की मान मर्यादा की रक्षा करनी चाहिए। आचार्य रंजीत शास्त्री ने कहा कि जीवन में चिंता करने की आदत छोड़कर चिंतन करने की आदत बनानी चाहिए।

चिंता से चतुराई घटती है जबकि चिंतन करने से हमारी बुद्धि और वाणी का विकास होता है। आचार्य सुशील शास्त्री ने कहा कि हमें सच का साथ देना चाहिए और झूठ नहीं बोलना चाहिए। झूठ अनेक बुराइयों की जड़ है। जो आदमी एक बार झूठ बोलता है वह बार-बार झूठ बोलना चाहता है।

एक झूठ को छुपाने के लिए दूसरा झूठ बोलना पड़ता है और इस तरह जीवन झूठ और छल कपट से भर जाता है जो मानसिक अशांति का कारण बनता है।

यज्ञ कार्यक्रम में सूर्य मंदिर समिति के संरक्षक रविंद्र भगत,शैलबाला भगत, उपेंद्र प्रसाद,राजेश्वर प्रसाद,शंकर प्रसाद, दीपक कुमार, योगेंद्र प्रसाद और दिनकर प्रसाद यजमान की भूमिका में रहे और मुख्य अर्चक आचार्य रंजीत शास्त्री के निर्देशानुसार उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की।

Ravi sharma

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