मुख्यमंत्री ने निभाया सोंटा खाने का परंपरा-रायपुर

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर — प्रतिवर्ष की भांँति इस वर्ष भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोवर्धन पूजा के दिन दुर्ग जिले के ग्राम जजंगिरी, कुम्हारी पहुंँचे। जहाँ उन्होंने लोगों के साथ गौरा गौरी की पूजा अर्चना कर सबके सुख , समृद्ध की कामना की। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियोंं की मंगलकामना के लिये वर्षों से चली आ रही कुश से बने सोंटा का प्रहार झेलने की परंपरा भी निभायी। कहा जाता है कि सोंटा खाने से व्यक्ति के सभी कष्ट और पाप दूर हो जाते हैं और आने वाली सभी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। इस दौरान सीएम बघेल ने अपने सभी प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा और गौरा गौरी पूजा की ढेर सारी शुभकामनायें भी दी। हर बार गांँव के बुजुर्ग भरोसा ठाकुर यह प्रहार करते थे, उनके निधन के कारण इस साल यह परंपरा उनके बेटे बीरेंद्र ठाकुर ने निभायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुंदर परंपरा सबकी खुशहाली के लिये मनाई जाती है। इस बात का दुख है कि इस बार भरोसा ठाकुर हमारे बीच नहीं हैं। खुशी इस बात की है कि उनके सुपुत्र बीरेंद्र, उनका परिवार और जजंगिरी के ग्रामीण इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। यह सभी विध्वंस के नाश और मंगल कामना के लिये की जाने वाली परंपरा मानी जाती है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह हमारे देवी- देवताओं से आशीर्वाद लेने का , अपने गांँव की मिट्टी को सम्मान देने का ,गोवंश की समृद्धि का और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक अस्मिता का अनूठा पर्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोगों के बीच इस अवसर पर आकर हर्षित हूँ। दीवाली का आनंद आप लोगों के बीच ही है। छत्तीसगढ़ में इतने सुंदर परम्परा त्योहारों के अवसर पर हैं कि इससे त्यौहार का सौभाग्य तो हासिल होता ही है। आपस में प्रेम भी बढ़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गोवंश की समृद्धि का पर्व भी है। जिस गोधन से हमें इतना कुछ मिलता है। उसकी सेवा करने का, उसको बचाने के संकल्प करने का पर्व है। मुख्यमंत्री को सोंटा खाते देख वहांँ मौजूद ग्रामीण वीडियो बनाने लगे। आम लोगों की तरह सीएम को अपने बीच परंपरा को निभाते देख छत्तीसगढ़ महतारी की जयकारे लगाते हुये युवकों ने उनके साथ सेल्फी भी ली।

Ravi sharma

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