भारत और रुस के बीच हुये तेरह समझौते,मोदी होंगे रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित-

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

व्लादिवोस्तोक (रूस) — रूस के दो दिन के ऐतिहासिक दौरे पर गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच रक्षा से लेकर गगनयान तक 13 बड़े समझौते हुये। रूस के पोर्ट टाउन व्लादिवोस्तोक में रूस और भारत के डेलिगेशन के बीच 20वें राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद दोनों देशों ने रक्षा, तकनीक, एनर्जी से लेकर स्पेस मिशन तक अहम समझौते किये हैं। रूस ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘आॅर्डर आॅफ सेंट ऐंड्रू द अपोस्टल’ देने का ऐलान किया। लगभग दो घंटे चले इस सम्मेलन में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच कई विषयों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के अनुसार तेल और गैस, खनन, रक्षा और सुरक्षा, हवाई और समुद्री कनेक्टिविटी, न्यूक्लियर एनर्जी, ट्रांसपॉर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, व्यापार और निवेश संबंधी विषयों पर बात हुई। प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत और रूस के बीच साझेदारी की चर्चा करते हुये कहा कि आज हमारे बीच डिफेंस, न्यूक्लियर एनर्जी, स्पेस, बिजनस टु बिजनस समेत कई क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊँचाईयों तक पहुँचाने के लिए सहमति बनी है।भारत और रूस एक मल्टिपोलर दुनियाँ के महत्व को समझते हैं। हम ब्रिक्स और एससीओ जैसे कई वैश्विक मचों पर एकसाथ काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के लिये पहुँचने के कुछ घंटों बाद ही इस सौदे की घोषणा की गई। समझौते के तहत नोवाटेक भारत, बांग्लादेश और अन्य बाजारों में एलएनजी की बिक्री के लिये भविष्य के एलएनजी टर्मिनल और संयुक्त उद्यम के गठन में निवेश करेगी।

हमारी मुलाकातें ऐतिहासिक महत्व की-मोदी

प्रधानमंत्री ने पुतिन को अपना अभिन्न मित्र बताते हुये कहा कि ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम के लिए उनसे मिला निमंत्रण बेहद सम्मान का विषय है। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग को नया आयाम देने के लिये यह एक नया ऐतिहासिक अवसर है। पीएम ने कहा आज की हमारी मुलाकातें बहुत महत्वपूर्ण हैं और इनका ऐतिहासिक महत्व भी है। दोनों देशों के बीच यह 20वां वार्षिक सम्मेलन है। पिछले 20 वर्षों में इस व्यवस्था ने हमारे संबंधों को 21वीं सदी के अनुरूप ढाला है और उन्हें हमारे लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिये शांति, प्रगति और स्थायित्व का एक विशेष कारक बनाया है।

Ravi sharma

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