सोनपुर –धर्म की नगरी हरिक्षेत्र सोनपुर के श्रीगजेंद्र मोक्ष देवस्थानम दिव्यदेश प्रांगण में आज24 वां श्रीब्रह्मोत्सव सह श्रीलक्ष्मी नारायण यज्ञ के दूसरे दिन सर्वप्रथम श्री गरुड़ ध्वजारोहण हुआ। श्री गरुड़ भगवान श्रीमन्नारायण के वाहन ही नही बल्कि उनके परमभक्त भी हैं।इसीलिए भगवान श्रीविष्णु का एक नाम गरुड़ ध्वज भी है।
गरुड़ ध्वजारोहण के बाद पञ्चाङ्ग पूजन,अरणि मंथन का कार्यक्रम संपन्न हुआ।पांच मिनट के भीतर इस मंथन से अग्नि देवता प्रगट हुए।इसी के साथ यज्ञ वेदी की परिक्रमा शुरु हो गई।इस मौके पर श्रीगजेंद्र मोक्ष देवस्थानम दिव्यदेश पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने कहा कि चार प्रकार की अग्नि होती है जिसमें पहला यज्ञाग्नि, दूसरा जठराग्नि, तीसरा बड़वाग्नि एवं चौथा श्मशान अग्नि।इन सभी में प्रधान यज्ञाग्नि है।अरणि मंथन के द्वारा लकड़ी से लकड़ी रगड़ने से अग्निदेव प्रकट हुए।
इसी अग्नि से यज्ञ नारायण का अनुष्ठान कार्य आरंभ हुआ।इस पवित्र अरणि मंथन को स्वयं जगद्गुरु स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने यज्ञ के यजमानों व यज्ञचार्यों के साथ पूर्ण किया।भगवान अग्निदेव की जयजयकार से सम्पूर्ण वातावरण गूंज उठा। उपर्युक्त अवसर श्री दिलीप झा, श्री फूल बाबू झा,श्री रतन कुमार कर्ण,श्री सुंधाशु कुमार, श्रीमती आशा पाठक, श्रीमती निर्मला तिवारी आदि यजमान सहित श्री गोपाल सिंह, समाजसेवी लाल बाबू पटेल,श्री नृपेन्द्र सिंह आदि श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।