फर्जी लाइसेंस पर हथियार रखने वालों मे मची है खलबली,राज्य मे सैकड़ो मामले,विशेष रिपोर्ट मे खुलासा-पटना

पटना-सूबे मे फर्जी लाइसेंस पर हथियारों की हो रही खरीद पर सरकार कि पैनी नजर है.क्योकीं इस तरह हथियार संगठित अापराधिक गिरोंहो को बेचे जा रहे हैं. शस्त्र विक्रेताओं ने दूसरे राज्यों (विशेषत: पूर्वोत्तर-जम्मू कश्मीर) के एक-एक फर्जी लाइसेंस पर एक से अधिक हथियारों की बिक्री की है. एडीजी विधि-व्यवस्था अमित कुमार की सनसनीखेज रिपोर्ट में इस बात खुलासा हुआ है. पुलिस ने जब 560 हथियारों के अनुज्ञप्तियों की जांच की,तो उसमें 288 लाइसेंसों का UIN नंबर ही नहीं मिला.इस रिपोर्ट के बाद यह शंका जताई जा रही है कि करीब पांच हजार फर्जी लाइसेंसों पर हथियार खरीदे गये.और यह अपराधियों तक पहुंच गये हैं.ADG विधि-व्यवस्था ने 17 सितंबर, 2019 को फर्जी शस्त्र लाइसेंस और उनकी आड़ में अपराधियों को की जा रही हथियारों की बिक्री को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है.सूबे मे शस्त्र लाइसेंस के लिए पता सत्यापन तक सही से नहीं किया जा रहा है.बड़ी संख्या में अस्थायी पता वालों को लाइसेंस जारी किया गया है.लाइसेंस निर्गत करने मे स्थायी पता और आपराधिक रिकॉर्ड तक नहीं देखा जा रहा है.अधिकारियों के जाली हस्ताक्षर कर शस्त्र लाइसेंस बनाने वाला गिरोह सूबे मे सक्रिय है.जाली UIN नंबर अंकित किया जा रहा है.फर्जी शस्त्र लाइसेंस और उनकी आड़ में अपराधियों को बेचे जा रहे हथियारों को लेकर ADG विधि-व्यवस्था अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं.पुलिस ने जिन 560 शस्त्र लाइसेंस का जांच और अध्ययन किया था.इसमें उत्तर-पूर्व के राज्यों विशेषकर नागालैंड से जारी लाइसेंस पर विशेष फोकस किया.इनमें मात्र 174 पर UIN नंबर था.98 लाइसेंसधारियों ने इसके लिए आवेदन किया हुआ था.इस जांच में शस्त्र विक्रेताओं और अपराधियों में गठजोड़ पाया गया है.लाइसेंस की OD रजिस्टर में एंट्री तक नहीं पाई गई.इस सत्यापन और जांच का आदेश ADG की रिपोर्ट पर ही हुआ था.दरअसल गृह विभाग के अपर सचिव गिरीश मोहन ठाकुर ने चार अक्तूबर को राज्य के सभी जिलाधिकारी को शस्त्र लाइसेंस के सत्यापन के निर्देश दिये थे और यह निर्देश ADG अमित कुमार की रिपोर्ट के आधार पर ही दिये गये हैं.सभी जिलाधिकारी काे स्पष्ट निर्देश है कि शस्त्र लाइसेंस के सत्यापन में पुलिस मुख्यालय द्वारा बतायी गयी SOP के तहत यह कार्रवाई पूरी करें.वही ADG ने अपनी रिपोर्ट मे जिक्र किया है कि हाजीपुर में बीते वर्ष पटना के व्यवसायी गुंजन खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी जिसमे कुख्यात अपराधी अभिषेक कुमार उर्फ मस्तु को आरोपित किया गया था.आपको बता दे कि मस्तु पर पूर्व से भी कई मामले दर्ज हैं.इसके बाद भी नगालैंड से उसने शस्त्र लाइसेंस बना कर पिस्टल खरीद ली.वही इस रिपोर्ट और फर्जी लाइसेंसों के सत्यापन के आदेश के बाद फर्जी लाइसेंस पर हथियार रखने वालों मे खलबली मची हुई है.

Ravi sharma

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