‘पर्यावरण और हम”संगोष्ठी में सामूहिक रुप से पर्यावरण की सुरक्षा का लिया संकल्प–सोनपुर

धर्मनाथ शर्मा एवं साक्षी कुमारी सम्मानित

कवि गोष्ठी में भी पर्यावरण सुरक्षा की अनुगूंज

सोनपुर–“पर्यावरण और हम” विषयक संगोष्ठी में विद्वतजनों ने एक स्वर से पर्यावरण की रक्षा के लिए सामूहिक संकल्प लिया।डीजे बजाने से होनेवाले ध्वनि प्रदूषण को सबसे खतरनाक बताते हुए वक्ताओं ने सरकार और प्रशासन से मुकम्मल तरीके से इसे बंद कराने एवं आम जनता व बीमार व्यक्तियों की उससे होने वाली परेशानियों से बचने और बचाने की सलाह भी दी। वक्ताओं ने अमनागरिकों से भी अपने किसी भी फंक्शन में डीजे नहीं बजवाने की अपील की।कवि गोष्ठी में भी पर्यावरण सुरक्षा पर ही नवोदित कवियों ने शंखनाद किया।

यहां साहित्य साधना और समसामयिक विषयों पर चर्चा को समर्पित संस्था”युग बोध”के बैनर तले रविवार को रजिस्ट्री बाजार सोनपुर के दुर्गा स्थान पर साहित्यकार सारंगधर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने उपरोक्त बातें कहीं।इस मौके पर समारोह के अध्यक्ष साहित्यकार सारंगधर प्रसाद सिंह ने अपने हाथों से जेपी सेनानी व समाजसेवी धर्मनाथ शर्मा एवं भरपुरा गांव की बेटी एवं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता की प्रथम विजेता साक्षी कुमारी को अंगवस्त्र से सम्मानित किया।

जेपी सेनानी व समाजसेवी धर्मनाथ शर्मा ने पर्यावरण प्रदूषण पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछले दिनों कोई चर्चा कर रहा था कि दियारे में22 से24ईंट भट्ठा चिमनियों से उत्पन्न धुएं से इस तरह प्रदूषण फैल रहा है कि लोगों को सांस लेना दूभर हो गया है।उन्होंने स्वामी माधवाचार्य की पुस्तक”क्यों? एवं गीता श्लोकों के माध्यम से पर्यावरण पर अपनी बात रखी।अधिवक्ता व आशु कवि लक्ष्मण कुमार प्रसाद ने पर्यावरण आधारित कविता”गर्मी की इस तपन में’ का पाठ किया।वामपंथी चिंतक ब्रज किशोर शर्मा ने पर्यावरण प्रदूषण के लिए वैश्विक स्तर पर बड़े पूंजीपतियों को जिम्मेदार ठहराया।उन्होंने कहा कि बड़े पूंजीपति समूह स्वयं वृक्ष कटवाते हैं और आज हम उन्हीं से वृक्ष बचाने की आशा रखते हैं। उन्होंने कहा पर्यावरण दोहन के लिए निश्चित ही पूंजीपति वर्ग जिम्मेवार है।

साहित्यकार अवध किशोर शर्मा ने वैश्विक स्तर से लेकर गांव स्तर तक व्याप्त पर्यावरण प्रदूषण पर अपनी बात रखी जबकि पारसनाथ सिंह अधिवक्ता ने लोगों से वृक्ष नहीं काटने की भावुक अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं और उसकी सिंचाई और सुरक्षा भी करें।कवि मणिभूषण शांडिल्य ने भजन”मतवाली नैनों वाली मेरी माता दी”का गायन किया।राजू सिंह ने कहा कि वृक्ष को सिर्फ पूजें नहीं बल्कि उसकी सिंचाई और सुरक्षा भी करें।साहित्यकार विश्वनाथ सिंह अधिवक्ता ने कहा कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ के कारण ही आज देश और दुनिया को पर्यावरण संकट का सामना करना पड़ा रहा है।उन्होंने मगही काव्य पाठ”भी किया।साक्षी कुमारी ने आनेवाली पीढ़ी की सुरक्षा के लिए पर्यावरण की सुरक्षा पर बल दिया।साक्षी ने”चाह नहीं सुरबाला’कविता का पाठ कर पुष्प की अभिलाषा के माध्यम से प्रकृति के मन की बात रखी।चिंतक शंकर सिंह ने दुनिया के 208 राष्ट्रों की चुप्पी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज रुस और यूक्रेन युद्ध की विभीषिका से पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर कोई नहीं बोल रहा है।चिंतक अभय कुमार सिंह ने कहा कि प्रकृति के साथ दुर्व्यवहार उचित नहीं।उन्होंने “प्यास लगी थी पर पानी में जहर था”समसामयिक कविता का पाठ भी किया।अपने अध्यक्षीय संबोधन में सारंगधर प्रसाद सिंह ने कृत्रिम वर्षा को पर्यावरण के लिए हर हाल में हानिकारक बताते हुए इसके लिए दुबई का उदाहरण दिया।वरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र मानपुरी ने उपस्थित लोगों को पर्यावरण सुरक्षा के लिए सामूहिक रुप से संकल्प दिलायी।इस मौके पर नवल कुमार सिंह,संजीत कुमार, राकेश कुमार सिंह, अर्जुन सिंह आदि भी उपस्थित थे।

Ravi sharma

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