पत्रकारिता को किया गौरवान्वित,मधुरेन्द्र ने खास अंदाज में दी,रवीश कुमार को बधाई-

निर्भीक पत्रकारिता के लिए फिलीपींस के राजधानी मनीला में रेमॉन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित हुये चम्पारण के लाल रवीश कुमार


रामगढ़वा,पूर्वी चंपारण- एशिया का नोबेल पुरस्कार कहे जाने वाले रमन मैग्सेसे पुरस्कार चम्पारण में आना यह देश के लिए गौरव की बात हैं। हिंदी पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान बनाने वाले बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के गोविंदगंज प्रखंड निवासी देश के प्रख्यात पत्रकार रवीश कुमार को 9 सितंबर 2019 सोमवार की देर संध्या पर फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में पत्रकारिता को गौरवान्वित करने के लिए रेमॉन मैगसेसे सम्मान प्रदान किया गया। जिससे पूरे देश में खुशी की लहर हैं। वही दूसरे ओर रवीश कुमार को “रेमाॅन मैग्सेसे अवॉर्ड” मिलने पर मशहुर सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने भी अलग अंदाज में अपनी रेत कला के माध्यम से मंगलवार को रामगढ़वा में थाना चौक स्थित एक बालू दुकान पर रखें बालू के ढ़ेर पर वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार की विशाल आकृति बनाकर अपनी खुशी का इजहार किया। जिसे देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी। युवा भी अपने कैमरा में फ़ोटो व सेलफोन में सेल्फी लेते नजर आएं। खुशी की बात ये थी कि पहले ऐसे कलाकार की कलाकृतियों को लोग अखबारों व टीवी चैनलों पर देखते थे। लेकिन मधुरेन्द्र द्वारा कलाकारी देखते लोगों में खुशी का ठिकाना न रहा।

सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने बताया कि उनको सम्मान देने वालों ने माना है कि रवीश कुमार उन लोगों की आवाज़ बनते हैं जिनकी आवाज़ कोई और नहीं सुनता। बारह साल बाद किसी भारतीय पत्रकार को यह पुरस्कार मिला है। रवीश कुमार से पहले 2007 में पी साईनाथ को पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिये मैग्सेसे पुरस्कार मिला था।

बता दें कि पत्रकार रवीश कुमार को हिंदी पत्रकारिता में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिये इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया हैं। सरकारी नौकरियों और इम्तिहानों के बहुत मामूली समझे जाने वाले मुद्दों को, शिक्षा और विश्वविद्यालयों के उपेक्षित परिसरों को उन्होंने प्राइम टाइम में लिया और लाखों-लाख छात्रों और नौजवानों की नई उम्मीद बन बैठे।

गौरतलब है कि इस वर्ष 2019 में मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त करने वाले पांच लोगों में भारतीय पत्रकार रवीश कुमार का भी नाम शामिल है, वे ऐसे छठे पत्रकार हैं जिनको यह पुरस्कार मिला है। इससे पहले अमिताभ चौधरी (1961), बीजी वर्गीज (1975), अरुण शौरी (1982), आरके लक्ष्मण (1984), पी. साईंनाथ (2007) को यह पुरस्कार मिल चुका है। रवीश कुमार के अलावा म्यांमार के को सी विन, थाइलैंड की अंगहाना नीलपाइजित, फिलिपींस के रमेंड और दक्षिण कोरिया के किम जोंग की को भी मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया हैं।

मौके पर गण्यमान्य प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार सिंह, अंचलाधिकारी उमेश कुमार, थानाध्यक्ष संजय कुमार पाठक, मोतिहारी पत्रकार प्रेस परिषद के जिलाध्यक्ष डी.एन. कुशवाहा, ई. अरुण कुमार पंडित, हिमांशु कुमार हिमकर, रेशमा देवी कन्या प्लस टू विद्यालय के सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रेम चंद्र सिंह, प्रो. उदयभान तिवारी, दिनेश कुमार, सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक द्वारिका प्रसाद, मुखिया मनजीत सिंह उर्फ मुन्ना सिंह, मुखिया चंद्रिका प्रसाद, संगीतज्ञ संजय दास, कौशल विकास केंद्र के निदेशक विभाष कुमार ओझा तथा ओम नाथ गुप्ता सहित भारी संख्या में लोगों ने भी ऐसे निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए रविश कुमार को बधाई देते मधुरेन्द्र की कलाकृति की भूरि-भूरि प्रशंशा की।

Ravi sharma

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