निर्भया के दोषियों को कल होनेवाली फाँसी पर लगा प्रश्नचिन्ह ?,अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट-नई दिल्ली-

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली — उच्चतम न्यायालय ने देश के बहुचर्चित निर्भया कांड के गुनहगार पवन की मृत्युदंड को लेकर दायर क्यूरेटिव पिटीशन (सुधारात्मक याचिका) को आज खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने फाँसी की सजा पर रोक लगाने से भी इंकार किया है। न्यायमूर्ति एन०वी०रमन, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर०एफ० नरीमन, न्यायमूर्ति आर० भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की संविधान पीठ ने पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी। इस मामले के तीन अन्य गुनाहगारों की क्यूरिटिव पिटीशन और दया याचिकायें पहले ही खारिज हो चुकी है। निर्भया के चारों दोषियों को कल तीन मार्च को सुबह 06:00 फाँसी दी जानी है। हालांकि पवन के पास अभी राष्ट्रपति को दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा हुआ है।निर्भया के सभी दोषियों के लगभग सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी चारों दोषियों की फांँसी कल तीन मार्च को टल सकती है। पवन गुप्ता के पास अभी दया याचिका का विकल्प बचा हुआ है। पवन की दया याचिका की वजह से निर्भया के सभी दोषियों की फांँसी टल सकती है। मालूम हो कि दया याचिका खारिज होने के 14 दिनों बाद ही किसी को फांसी दी जाती है।
गौरतलब है कि राजधानी के दक्षिण दिल्ली में निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था, और उसे सड़क पर फेंक दिया गया था। बाद में उसे सिंगापुर के महारानी एलिजाबेथ अस्पताल एयरलिफ्ट करके ले जाया गया था। वहां उसकी मौत हो गई थी।इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक नाबालिग था, जिसे तीन साल के लिए सुधार गृह भेजा गया था। एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। चार अन्य आरोपियों – मुकेश, अक्षय, विनय और पवन – को फांसी की सजा मिली थी।

Ravi sharma

Learn More →