ग्रहण समाप्ति पश्चात हुई चारों धामों में पूजा आराधना-बद्रीनाथ धाम

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

बद्रीनाथधाम — आज सूर्यग्रहण के दौरान चारों धाम के कपाट बंद रहे और सूर्यग्रहण समाप्ति पश्चात बद्रीनाथ , केदारनाथ , गंगोत्री और यमनोत्री चारों धामों के कपाट खोले गये। मंदिर को पवित्र करने के बाद भगवान की अभिषेक पूजा संपन्न की गयी।
आज सूर्यग्रहण के दौरान चारों धाम सहित समस्त मंदिर के कपाट सूर्यग्रहण शुरु होने से पहले सूतककाल लगते ही कल शनिवार की रात्रि लगभग 10:30 बजे से ही बंद कर दिये गये थे। ग्रहण समाप्ति के पश्चात आज दोपहर 02:30 बजे सभी मंदिरों के कपाट खोलकर साफ—सफाई , शुद्धिकरण और फिर नियमित पूजा अर्चना की गयी। श्री बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि मंदिर परिसर सहित मंदिर के बाहर और भीतर साफ पानी और पंचगव्य से सफाई करने की परम्परा संपन्न हुई। मंदिर को पवित्र करने के बाद भगवान बद्रीविशाल की अभिषेक पूजा संपन्न की गयी। इसी तरह ग्रहण समाप्त होने के बाद केदारनाथ मंदिर में भगवान शिव के कपाट खोल दिये गये। शुद्धिकरण की परंपरा पूरी करने के बाद भगवान शिव की अभिषेक पूजा की गयी। उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में सूर्यग्रहण काल मे रावल और तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर परिसर में सूर्यग्रहण निवारण और लोक कल्याण के लिये गंगा सहस्त्रनाम पाठ, गंगा स्तोत्र, गंगा लहरी पाठ तथा भजन कीर्तन किया। मांँ गंगा और यमुना से कोरोना महामारी को समाप्त करने की प्रार्थना की गयी। उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में भी सूर्यग्रहण काल में रावल और तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर परिसर में सूर्यग्रहण निवारण और लोक कल्याण के लिये गंगा सहस्त्रनाम पाठ, गंगा स्तोत्र, गंगा लहरी पाठ और भजन कीर्तन किया। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि सूर्यग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और मंदिर की सफाई प्रक्रिया पूरी करने के बाद मंदिरों के कपाट खोल दिये गये। हरिद्वार और ऋषिकेश सहित प्रदेश के अन्य सभी मंदिर भी ग्रहणकाल में बंद रहे जो 02:30 बजे खोल दिये गये।

Ravi sharma

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