खादी बोर्ड में ग्रामोद्योग विमर्श, बावन बूटी कला में मिल सकता है लाखों लोगों को रोजगार–पद्मश्री कपिलदेव प्रसाद

महात्मा बुद्ध के काल से प्रसिद्ध है बावन बूटी कला

पटना–बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के तत्वावधान में ग्रामोद्योग विमर्श श्रृंखला के तहत महेश भवन स्थित बापू सभाकक्ष में बावन बूटी कला और ग्रामोद्योग विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि पद्मश्री कपिल देव प्रसाद ने बावन बूटी कला की बारीकियों, इतिहास और उद्योग के रुपए के विकास की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।

बावन बूटी कला की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इस कला में हर डिजाइन पर 52 बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी डिजाइनिंग चादर, तौलिया, गमछा, साड़ी और दूसरे किसी भी वस्त्र पर की जा सकती है। कपिल देव प्रसाद ने कहा कि बावन बूटी अति प्राचीन हस्तकला है और इसे बौद्ध परंपरा में भी स्थान मिला हुआ है। महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़ी घटनाओं पर आधारित प्रतीक चिन्हों को बावन बूटी कला के माध्यम से प्रकट किया जाता है। कलाकार पीपल का पत्ता, कमल के फूल, बोधि वृक्ष, त्रिशूल, मछली, धम्मचक्र, फूलदान, शंख को कपड़े पर 52 बूटियों के माध्यम से प्रकट करते हैं। इस कला के माध्यम से वह भगवान बुद्ध को सम्मान देते हैं और उनकी महानता का बखान करते हैं।


बावन बूटी कलाकार कपिल देव प्रसाद ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद इस कला के मुरीद थे। जब वह देश के राष्ट्रपति थे तो राष्ट्रपति भवन के पर्दे बिहार के बसवन बीघा से जाते थे जिन पर बावन बूटी कलाकृतियां उकृत होती थी। उन्होंने कहा कि इस कला में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं और लाखों लोग रोजगार पा सकते हैं। सरकार सहित सभी लोगों को बावन बूटी कला को प्रोत्साहित करना चाहिए और अपने अपने घर में और सभी सरकारी कार्यालयों में बावन बूटी के परदे और चादरों का इस्तेमाल करना चाहिए।

बावन बूटी कला के कलाकारों को बाजार मिलेगा तो उनकी कला और निखरेगी। पद्मश्री कपिल देव प्रसाद ने कहा कि बावन बूटी कला वाली चादरें जर्मनी आस्ट्रेलिया ब्रिटेन और अमेरिका में भी निर्यात की जाती हैं। राज्य के कलाकारों को थोड़ी और सहायता मिले तो इसे हम अनेक दूसरे देशों में भी निर्यात कर सकते हैं। इससे पहले बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से पद्मश्री कपिल देव प्रसाद का स्वागत अभय सिंह ने किया। ग्रामोद्योग विमर्श में प्रदीप कुमार,रमेश चौधरी,राजीव कुमार शर्मा,आलोक कुमार,पूनम शुक्ला,तलत फात्मा,सुभाष कुमार एवं विनय कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

उद्योग मंत्री ने किया सम्मानित
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बावन बूटी कला के प्रसिद्ध कलाकार कपिल देव प्रसाद को बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने सम्मानित किया। विकास भवन में जब कपिल देव प्रसाद है मिलने आए तो उद्योग मंत्री ने उन्हें गले लगाया और उन्हें बिहार का सच्चा सपूत बताते हुए कहा कि बावन बूटी कला के लिए कपिल देव प्रसाद को पद्मश्री मिलने से पूरा राज्य गौरवान्वित हुआ है। उद्योग मंत्री ने कहा कि कपिल देव प्रसाद पिछले 5 दशकों से बावन बूटी कला की साधना कर रहे हैं। उनकी जीवन यात्रा प्रेरक है। उनसे प्रेरणा लेते हुए बिहार के युवा स्वरोजगार के मार्ग पर आगे बढ़ें। अपने कारोबार का मालिक खुद बनें और दूसरों को भी रोजगार दें। उद्योग विभाग की ओर से बड़ी औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ कुटीर एवं ग्रामीण उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। हर गांव में रोजगार के अवसर सृजित हों, हर जिला किसी न किसी उत्पाद को ग्लोबल बाजार तक पहुंचाने में सफल हो, यही उनकी कोशिश है।

Ravi sharma

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