कोरोना का कहर-बिहार में हुआ महामारी रेगुलेशन एक्ट लागू-पटना

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

पटना — आज बिहार राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में गठित पहली राज्य समन्वय समिति की बैठक विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ कोरोना की अद्यतन स्थिति की जानकारी हासिल करने के लिये संपन्न हुई। इस बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि आज की बैठक में मुख्य सचिव को स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों की ओर से कोरोना से बचाव और जागरूक करने के लिये किये गये कार्यों से अवगत कराया गया। और कोरोना वायरस पर कड़ा कदम उठाते हुये इससे बचने के लिये केंद्र सरकार के बाद अब बिहार सरकार ने भी राज्य में 1897 महामारी अधिनियम लागू कर दिया है।

इसके लिये स्वास्थ्य विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। अब सरकार के पास इससे बचाव के लिये कई अधिकार रहेंगे। जिसके तहत अब सख्ती बरतने के साथ साथ धारा 188 के तहत जुर्माना भी वसूला जायेगा। यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति अस्पताल जाने से या सभी से अलग रहने से इंकार करता है तो महामारी क़ानून की के सेक्शन 03 के तहत अधिकारी व्यक्ति को जबरन अस्पताल में भर्ती करा सकते हैं और इसके अलावा 14 दिनों के लिये या फिर उनकी जाँच रिपोर्ट नॉर्मल आने तक दूसरों से अलग रहने के लिये बाध्य कर सकते हैं। गौरतलब है कि बिहार में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिये सरकार कई बड़े उपाय कर रही है। सरकार की ओर से कई बड़े फैसले लेते हुये बिहार में स्कूल, कालेज, सिनेमा घर, पार्क, चिड़ियाघर और म्यूजियम को 31 मार्च तक के लिये पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

होटल पाटलिपुत्र बना क्वारेंटाइन सेंटर

बिहार में अब तक कोरोना का एक भी केस पॉजिटिव नहीं है। इसके बावजूद सरकार कोरोना को लेकर पूरी तरह सजग है। पटना में होटल पाटलिपुत्र अशोक को क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में चिन्हित किया गया है जहाँ 400 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी। इसके अलावा गया के एक होटल को भी चिन्हित किया जा रहा है इस काम का दायित्व पर्यटन विभाग को सौंपा गया है।
 

Ravi sharma

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