काशी में जो होता है महादेव की इच्छा से होता है – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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वाराणसी – काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण देश को उज्जवल भविष्य की ओर ले जायेगा , ये परिसर हमारे सामर्थ्य और कर्त्तव्य का साक्षी है। आज का भारत अयोध्या में सिर्फ प्रभु श्री राम का मंदिर ही नहीं बना रहा बल्कि देश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज भी बना रहा है। नये भारत में विरासत के साथ साथ विकास भी है।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी में काशी विश्वनाथ कारिडोर का लोकार्पण करते हुये कही। पीएम ने कहा कि हमारे शास्त्रों ने भी काशी की महिमा गाते हुये आखिर में नेति-नेति ही कहा है। यानि जितना कहा है उतना ही नहीं है , आगे अनंत है। यहां का हर पत्थर शंकर है , इसलिये हम अपनी काशी को सजीव मानते हैं और देश के कण-कण में हमें मातृत्व के भाव की अनुभूति होती है। बनारस वो नगर है जहां जगद्गुरु शंकराचार्य को भी प्रेरणा मिली और उन्होंने देश को एक सूत्र में बांधने का संकल्प लिया। पीएम ने बनारसी भाषा में कहा काशी के सब बंधुअन के साथ बाबा विश्वनाथ के चरणन में हम शीश नवावत हईं। मां अन्नपूर्णा के चरणन क बार-बार वंदन करअत हईं। ये काशी अहिंसा और तप की प्रतिमूर्ति और चार जैन तीर्थों की भी भूमि है। बनारस वो नगर है जहां से भगवान तुलसीदास को श्रीरामचरित मानस रचने की प्रेरणा मिली। कितने ही ऋषियों-मुनियों की तपोभूमि , जन्म भूमि , कर्म भूमि काशी रही है।पीएम मोदी ने कहा कि कितने ही कालखंड आये-गये , कितनी ही सल्तनतें आयी और गयी , लेकिन बनारस बना हुआ है। आतताईयों ने इस नगरी पर आक्रमण किये , औरंगजेब ने सभ्यता को तलवार के दम पर कुचलने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी पूरी दुनियां से अलग है। अगर यहां औरंगबेज आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं। आज समय का चक्र देखिये , आतंक के वो पर्याय इतिहास के काले पन्नों में सिमट कर रह गये हैं और मेरी काशी आगे बढ़कर अपने गौरव को नई भव्यता देते हुये आगे बढ़ रही है। काशी में ही मृत्यु , मंगल है। काशी वह है जहां सत्य ही संस्कार है, प्रेम ही परंपरा है। काशी में जो कुछ भी होता है वह महादेव जी की इच्छा से होता है। पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही काशी में कोई प्रवेश करता है तो वह सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। भगवान का आशीर्वाद एक अलौकिक ऊर्जा देता है। शास्त्रों में सुना है कि जब कोई पुण्य अवसर होता है तो सारी देवी शक्तियां वाराणसी में बाबा के पास उपस्थित हो जाती हैं। वैसा ही अनुभव मुझे हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा ये काशी अहिंसा और तप की प्रतिमूर्ति और चार जैन तीर्थों की भी भूमि है। बनारस वह नगर है जहां से भगवान तुलसीदास को श्रीरामचरित मानस रचने की प्रेरणा मिली। कितने ही ऋषियों-मुनियों की तपोभूमि , जन्म भूमि , कर्म भूमि काशी रही है। जिस तरह काशी अनंत है वैसे ही काशी का योगदान भी अनंत है। हर मत-मतांतर के लोग , हर भाषा वर्ग के लोग यहां आते हैं और यहां से अपना जुड़ाव महसूस करते हैं। काशी भारत की आत्मा का एक जीवंत अवतार भी है। भारत के हजारों सालों की उर्जा ऐसे ही तो सुरक्षित रही है, जब अलग-अलग स्थानों के सूत्र से जुड़ते हैं जो एक राष्ट्र श्रेष्ठ राष्ट्र की अनुभूति होती है। ये सिर्फ संयोग नहीं है कि काशी ने जब भी करवट ली है तो देश का भाग्य भी बदला है। पीएम ने कहा कि काशी से चुराई गई प्रतिमा सौ साल बाद फिर से काशी में विराजमान हुई है। माता अन्नपूर्णा की कृपा से कोरोना काल में कोई भूखा नहीं सोया , हर किसी के खाने का इंतजाम हुआ। हम मंदिर आते हैं तो ईश्वर से मांगते हैं , कुछ संकल्प करके जाते हैं। लोग भगवान से मांगते हैं , मैं आपसे मांगता हूं। तीन बातें, याद रखें – स्वच्छता , सृजन और आत्मनिर्भरता। यहां बनारस में भी शहर और घाटों पर हमें स्वच्छता को एक नए स्तर पर लेकर जाना है। मां गंगा की स्वच्छता के लिये हमें सजग होकर काम करते रहना होगा। आज मैं काशी से हर देशवासी का आव्हान करता हूं कि पूरे आत्मविश्वास से सृजन कीजिये। तीसरा संकल्प है कि आत्मनिर्भर भारत के लिये अपने प्रयास बढ़ायें। बाबा काशी विश्वनाथ के आशीर्वाद से हम आत्मनिर्भर का सपना सच होते देखेंगे।

Ravi sharma

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