कर्तव्य निष्ठा का सर्वश्रेष्ठ पक्ष होता है पितृ पक्ष-अमोद निराला

ऑफिस डेस्क-कर्तव्य निष्ठा का सर्वश्रेष्ठ पक्ष पितृ पक्ष को माना गया है. पित्र पक्ष में ऋषि महर्षि मुनि जनो के साथ-साथ अपने पूर्वज की आराधना,पिंड दान एवं जल अर्पण की परंपरा सदियों पुरानी चली आ रही है जो कर्तव्य परायणता का उच्चतम मापदंड है. हमारा यह मानना है कि जिस घर में अपने पूर्वज,पितर,माता- पिता,बुजुर्ग,अभिभावक की सम्मान, पूजा-आराधना नहीं होती है वह परिवार,वैसा समाज बहुत जल्द नष्ट हो जाता है.ऐसे तो आमतौर पर बुद्धिजीवी वर्ग प्रतिवर्ष तिथि अनुसार अपने पिता,पितर,पूर्वज की आराधना कर संतुष्ट हो जाते हैं जो तथाकथित परंपराएं है.शेष अज्ञानता की वजह से आज भी अंधकार में है.होना तो यह चाहिए की प्रति माह अमावस्या तिथि को अपने संपूर्ण परलोक धाम वासी पूर्वज,अग्रज,अनुज सहित देवी को जल प्रदान करना चाहिए.जिस व्यक्ति से उनके पूर्वज खुश-संतुष्ट होते हैं वही परमपिता परमेश्वर की अदालत में अपने संतान,वंशजों की रक्षा,मंगल कामनाएं हेतु वकालत कर पक्ष रखते हैं.इसे आप इस प्रकार समझ सकते है कि जिस प्रकार किसी न्यायालय में आपको अपना पक्ष रखने हेतु अधिवक्ता वकील रखना पड़ता है ठीक उसी प्रकार परमपिता परमेश्वर के दरबार में हमारे-आपके सभी के पूर्वज हमारे लिए पक्ष रखते हैं और उनके रखे पक्षों के आधार पर ईश्वर हमें फलित,दीर्घायु,धन,वैभव सहित तरह-तरह के संपदाओं से आच्छादित करते हैं.इसलिए हम मानवो को धर्मानुसार अपने गुरु सहित देवी-देवता के साथ-साथ माता-पिता, बुजुर्ग,अभिभावक एवं पूर्वजों की आराधना निश्चित रूप से करनी चाहिए.जो ऐसा नहीं करते वह जीवन मे तरह-तरह के समस्याओं से ग्रसित होते रहते हैं.

अमोद कुमार निराला

उक्त बातें अस्मिता प्रदेश संयोजक अमोद कुमार निराला ने बताई तथा कहा की अस्मिता परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष सनातनधर्म रक्षक,महामानव श्री अमरनाथ सिंह उर्फ राजा अमरनाथ गंगा जी ने धर्म,संस्कृति, कर्म,जन एवं विश्व हित में दर्जनों यज्ञ, अनुष्ठान कर ऐतिहासिक एवं अद्वितीय कार्य किए हैं,उदाहरण के तौर पर आप देख सकते हैं गोमुख से गंगासागर तक हर हर गंगे घर घर गंगे जयघोष के साथ सैकड़ों गाड़ी हजारों जन-मन के साथ मां गंगा दिव्य मूर्ति लेकर पद यात्रा,आपदाओ मे लावारिस मृतको की मुक्ति हेतु पिंड दान,नौ दिवसीय गंगा महायज्ञ,बाबा गोपाल धाम,धंधुआ के पावन पुण्य भूमि पर सवा मास का अद्वितीय महायज्ञ, महामृत्युंजय मंत्र का अखंड जाप सहित दर्जनों अनुष्ठान,प्राण दायिनी रक्षक सोल की जागृति, जनकल्याणकारी महायज्ञ आदि अद्वितीय कार्यों का व्यक्तिगत स्तर पर निस्वार्थ भाव से संपन्न किये जाना एक नई दिशा मार्ग प्रशस्त करता है. जो नंदनीय-वंदनीय-अभिनंदनीय है.वही श्री निराला ने कहा कि बिहार अस्मिता परिवार केंद्र सरकार से मांग करती है की श्री सिंह के मार्गदर्शन, दिशा-निर्देशन में मोक्षदायिनी पालनकर्ता मां गंगा जी की अविरल धारा बहाव हेतु साफ सफाई,गंगा मंदिर का निर्माण,विश्व स्तर पर सम्मान के साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमरनाथ सिंह जी को युगपुरुष के सम्मान से विभूषित किया जाए,ताकि जनमानस में एक नई सोच उत्पन्न हो तथा धर्म-कर्म के प्रति आम आवाम जागृत हो सके.

Ravi sharma

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