कबीर की परम्परा के रचनाकार रहे हैं भिखारी–भगवती प्रसाद द्विवेदी

बिहार के सांस्कृतिक योद्धा रहे हैं भिखारी ठाकुर: रमेश ठाकुर

पटना–भोजपुरी के महान साहित्यकार, गीतकार, नाटककार, रंगकर्मी तथा सांस्कृतिक योद्धा भिखारी ठाकुर को उनके जन्मदिन पर साहित्यिक- सांस्कृतिक संस्था नवगीतिका लोक रसधार द्वारा नमन अर्पित किया गया।

पूर्वी गांधी मैदान के महेश भवन में आयोजित कार्यक्रम में अनेक प्रसिद्ध संस्कृति कर्मियों ने भिखारी ठाकुर के जीवन और कृतित्व पर प्रकाश डाला। लोक गायिका मैथिली ठाकुर, कला गुरु रमेश ठाकुर, वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी, लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत, प्रसिद्ध पेंटर मनोज कुमार बच्चन, कॉमनवेल्थ खेलों में 5 गोल्ड मेडल जीतने वाली कृति राज सिंह, राष्ट्रीय युवा विकास परिषद के अध्यक्ष किसलय किशोर, कला मर्मज्ञ अविनाश कुमार झा, पत्रकार डॉ. ऋषिकेश सहित अनेक लोगों ने सांस्कृतिक योद्धा भिखारी ठाकुर को शब्दाजंलि दी।

लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने कहा कि भिखारी ठाकुर की रचनाओं में विद्रोह का स्वर है। बिदेशिया, भाई विरोध, कलयुग प्रेम, बेटी बेचवा, गवर घिचोर, ननद भौजाई, विधवा विलाप, बिरहा बहार, नकल भांड नेटुआ के, जैसी रचनाओं से भिखारी ठाकुर भोजपुरी के सबसे बड़े रचनाकार के रूप में उभरते हैं। वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि अपने जीवन काल में ही भिखारी ठाकुर आधुनिक नव चेतना के अग्रदूत बन गए थे। उन्होंने सामाजिक विकृतियों के खिलाफ लगातार आवाज उठाई। खूब लिखा भी और नाटकों के माध्यम से अपने संदेशों को आम लोगों तक पहुंचाया।

कला गुरु रमेश ठाकुर ने कहा कि भिखारी ठाकुर ने लोक संस्कृति के क्षेत्र में जो कार्य किया, वह अपने आप में मिसाल है। बिहार के हर कलाकार उनके जीवन और रचनाओं से कुछ न कुछ सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि भिखारी ठाकुर बिहार के सांस्कृतिक योद्धा रहे हैं। सुप्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने मौके पर भिखारी ठाकुर द्वारा रचित प्रसिद्ध विवाह गीत चलनी के चालल दूल्हा गाकर सुनाया।

Ravi sharma

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