अमेरिका से 318 आक्सीजन कंसन्ट्रेटर पहुँचा भारत-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – देश में कोरोना संक्रमण की लगातार बिगड़ती स्थिति के बीच न्यूयार्क के जेएफके एयरपोर्ट से भेजे गये 318 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर एयर इंडिया के विमान से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच चुका है। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखने को मिली रही है। ऑक्सीजन की कमी से कई मरीजों की मौत हो चुकी है। देश में चल रहे आक्सीजन संकट को देखते हुये अमेरिका समेत कई विकसित देशों ने भारत की मदद के लिये हाथ बढ़ाया है। इसी कड़ी में एक ओर जहां अमेरिका ने 318 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर दिये हैं वहीं दूसरी ओर इस खेप के अलावा अन्य देश भी भारत को इस तरह की मदद पहुंचा रहे हैं। बताया गया है कि एयर इंडिया की अमेरिका से आने वाली दो उड़ानों में अगले दो दिन के दौरान 600 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर लाये जायेंगे। ये कंसनट्रेटर निजी प्रतिष्ठानों ने अमेरिकी कंपनियों से खरीदे हैं। इसके अलावा भी आगामी कुछ सप्ताह में एयर इंडिया ने निजी प्रतिष्ठानों के लिये दस हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर ढोने की योजना बनायी है।

क्या है आक्सीजन कंसन्ट्रेटर
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ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर सामान्य हवा से ऑक्सीजन तैयार करने वाली एक मशीन है , जो मरीजों के लिये किसी संजीवनी से कम नहीं है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिये एक बड़ा विकल्प है , भारत में इस समय इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। देश में मुख्यत: दो बड़ी कंपनियां बीपीएल और फिलिप्स इसे तैयार करती है। ये ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर , ऑक्सीजन सिलेंडर से काफी अलग होता है। मेडिकल ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की लागत कम (करीब 30 से 60 हजार रुपये) होती है। कुछ तो बेहद छोटे पोर्टेबल मशीन की कीमत तीन हजार से पांच हजार भी होती है , यह बिजली या बैटरी से चलता है। ऑक्‍सीजन सिलेंडर और रीफिलिंग की तुलना में यह सस्ता , सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प है। कंसन्ट्रेटर ऑक्सीजन के नये मॉलिक्यूल्स नहीं बनाते , बल्कि सामान्य हवा में से ही नाइट्रोजन को अलग कर देते हैं ताकि उसमें ऑक्सीजन बचे।

Ravi sharma

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