अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर — छत्तीसगढ़ भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित हुई जिसमें कई महत्वपूर्णों मुद्दों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राधिकरण के अंतर्गत स्वीकृत राशि के कार्याे से हितग्राही और समुदाय के जीवन में परिवर्तन आना चाहिये। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के संबंध में सुझाव दें तो इसका लाभ हितग्राहियों को मिलेगा। उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा। इससे अनुसूचित जाति वर्ग के आर्थिक सामाजिक विकास में मदद मिलेगी। बैठक में बताया गया कि नई सरकार द्वारा वर्ष 2005 में बनाये गये अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण निधि नियम में संशोधन किया है। पहले जहां निर्माण कार्याें पर जोर था वहीं संशोधन के बाद अब स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, जल संरक्षण, पशु सेवाएं, रोजगार मूलक योजनायें कौशल उन्नयन जैसे अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं में भी कार्य किये जा सकेंगे। इनके माध्यम से हितग्राही मूलक एवं सामुदायिक योजनाओं को स्वीकृत किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राधिकरण के माध्यम से मिनी माता स्वावलंबन योजना के तहत अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर दुकान एवं कार्यशील पूंजी हेतु दो लाख तक की राशि दी जाती है। इसी तरह अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों के असाध्य पंपों के ऊर्जीकरण के लिए अनुदान राशि दी जाती है। मुख्यमंत्री ने योजनाओं को सामान्य जन तक पहुंचाने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने इस संबंध में पाम्पलेट का वितरण और दीवार लेखन जैसे कार्य करने के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे नागरिकों से बातचीत एवं सम्पर्क के दौरान उन्हें इन योजनाओं की जानकारी दें जिससे ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को लाभान्वित किया जा सके। बैठक में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, विधायकगण, जिला पंचायत के अध्यक्षगण, मुख्य सचिव सुनील कुजूर, पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी आदि उपस्थित रहे।