पटना-इंसेफेलाइटीस से रोजाना हो रहे मासुमो की मौत का आकड़ा 132 तक पहुचं गया है.लगातार हो रही मासुमो की मौत और जनता मे हो रही अपनी फजींहत के बाद सुबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुजफ्फरपुर दौरे के बाद बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दौरे के बारे में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एसकेएमसीएच के हर बेड पर जाकर जानकारी ली और स्थिति का जायजा लिया.अस्पताल में डॉक्टरों की कमी नहीं है, बावजूद इसके पटना के पीएमसीएच और दरभंगा के डीएमसीएच से चिकित्सक भेजे जा रहे हैं.आज शाम तक ही आठ और डॉक्टर अस्पताल पहुंच जाएंगे.मुख्य सचिव ने बताया की एसकेएमसीएच को 2500 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया जाएगा. इसके तहत 1500 बेड की व्यवस्था अगले वर्ष तक ही कर ली जाएगी.
उन्होने बताया कि मुजफ्फरपुर में एक धर्मशाला का भी निर्माण करवाया जाएगा ताकि प्रभावित बच्चों के परिजन रुककर इलाज करा सकें.अस्पताल में उचित इलाज किया जा रहा है और इससे सरकार संतुष्ट है. एहतियातन आशा कार्यकर्ता और एएनएम को प्रभावित इलाकों में बच्चों को ओआरएस घोल पिलाने का आदेश दिया गया है,ताकि आगे बच्चे बीमार नहीं पड़ें.
हर पीड़ित घर से ली जाएगी मौत के कारणों की जानकारी
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उन्होंने बताया कि जितने बच्चे प्रभावित हुए हैं बुधवार से उनके घर जाकर परिवार से मौत के कारणो की जानकारी ली जाएगी. इसका मकसद बीमारी के पीछे के कारणों को जानने का प्रयास है. दीपक कुमार ने बताया कि अब तक कुल 437 बच्चे एडमिट हुए और 106 बच्चों की मौत हुई है.
मुजफ्फरपुर के चार अत्यधिक प्रभावित
दीपक कुमार ने कहा कि 12 जिलों के 22 प्रखंड संवेदनशील श्रेणी में हैं,जिसके लिए 485 डॉक्टर तैनात हैं. कांटी, मीनापुर, बोचहां जैसे इलाकों में इसका प्रकोप ज्यादा है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में जितने अभिभावकों से पूछा गया, किसी ने भी कोई कमी के बारे में नहीं बताया.
दीपक कुमार ने कहा कि जागरूकता के काम में जिन्हें लगाया गया था. अगर उन लोगों ने लापरवाही बरती है तो वैसे कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
रिपोर्ट-मनीष तिवारी