हौसले के साथ कोरोना से लड़ने का समय — पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — कोरोना की शुरूआती लहर का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के बाद देश हौसले और आत्मविश्वास से भरा हुआ था लेकिन कोरोना की इस तूफान रूपी दूसरी लहर ने देश को झकझोर दिया है। कोरोना वायरस देश के लोगों की धैर्य और दुख सहने की परीक्षा ले रहा है। कई लोगों ने असमय अपनों को खोया है , यह समय हौसले से लड़ाई लड़ने का है। राज्य की सरकारें भी दायित्व निभाने में जुटे हुये हैं और देश भर में पूरी ताकत के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है। आप भी अपने और अपने परिवार का ध्यान रखिये।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में जारी कोरोना संकट के बीच आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” में देशवासियों को संबोधित करते हुये कही। वे अपने अपने मन की बात के 2.0 के 23 वें एपिसोड और मन की बात के कुल 76 वें संस्करण में कोरोना से बचाव और संक्रमण से निपटने के लिये जारी तैयारियों पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज मैं मन की बात ऐसे समय पर कर रहा हूं जब कोरोना हम सभी के धैर्य और दुख सहने की सीमा की परीक्षा ले रहा है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ विशेषज्ञों , डॉक्टरों की बात मानें और जरूरी उपाय अपनायें। उन्होंने सबसे आग्रह किया कि आपको अगर कोई भी जानकारी चाहिये , कोई और आशंका हो तो सही सोर्स से ही जानकारी लें। आपके जो फैमली डॉक्टर हों , आस-पास के डॉक्टर होंं, आप उनसे फोन से संपर्क करके सलाह लीजिये। उन्होंने कहा, ‘मैं देख रहा हूं कि हमारे बहुत से डॉक्टर भी ये जिम्मेदारी स्वयं उठा रहे है। कई डॉक्टर सोशल मीडिया के जरिये लोगों को कोरोना से संबंधित जानकारियां दे रहे हैं। फोन और व्हाट्सएप पर भी काउंसलिंग कर रहे हैं। कई अस्पतालों की वेबसाइटों पर जानकारियां उपलब्ध हैं और आप वहां डॉक्टर से परामर्श भी ले सकते हैं। ये बहुत ही सराहनीय है। पीएम मोदी ने कहा कि इस समय हमें इस लड़ाई को जीतने के लिये विशेषज्ञों और वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देनी है। राज्य सरकार के प्रयत्नों को आगे बढ़ाने में भारत सरकार पूरी शक्ति से जुटी हुई है। राज्य सरकारें भी अपना दायित्व निभाने की पूरी कोशिश कर रही हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि वैक्सीन की अहमियत के बारे में सभी को पता है। वैक्सीन से जुड़ी अफवाहों पर ध्यान ना दें। भारत सरकार की तरफ से मुफ्त वैक्सीन का जो कार्यक्रम अभी चल रहा है , वो आगे भी चलता रहेगा। मेरा राज्यों से भी आग्रह है कि वो वो भारत सरकार के इस मुफ्त वैक्सीन अभियान का लाभ अपने राज्य के ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुंचायें।उन्होंने योग्य व्यक्तियों से भी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर वैक्सीन लगवाने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों को जागरूक करने और उनके मन से भय निकालने के लिये डॉक्टर , नर्स , एंबुलेंस और कोरोना को मात देने वाले मरीजों से भी बात की। पीएम मोदी ने इस दौरान मुंबई के डॉक्टर शशांक से बातचीत की। डॉ० शशांक ने बताया कि  लोग देरी से कोरोना का इलाज शुरू करते हैं , फोन पर आने वाली बातों का यकीन कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में इलाज के बेस्ट प्रोटोकॉल मौजूद हैं और लोग ठीक हो रहे हैं। कोरोना के म्यूटेंट से घबराने की जरूरत नहीं है. यह कोरोना जितनी तेजी से फैला रहा है लोग उतनी तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। श्रीनगर के डॉक्टर नाविद से भी पीएम मोदी ने भी बात की. डॉक्टर नाविद ने कोरोना को लेकर कई अहम जानकारियां दी। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने रायपुर छत्तीसगढ़ के एक अस्पताल की सिस्टर भावना ध्रुव से भी बात की। ध्रुव ने बताया कि कोविड ड्यूटी लगने के बाद मेरे परिवार वाले डर गये थे। मैं कोविड मरीजों से मिली , वे लोग कोरोना से ज्यादा घबराये हुये थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो आगे क्या करेंगे ? हमने उन्हें एक अच्छा माहौल दिया , ध्रुव ने बताया कि पीपीई किट पहनने के बाद काफी दिक्कत होती है। इसकी अगली कड़ी में पीएम मोदी ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की तारीफ करते हुये कहा कि लैब टेक्निशियन और एंबुलेंस ड्राइवर बड़े रिस्क लेकर काम कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने प्रेम वर्मा नाम के एक एंबुलेंस ड्राइवर से बात की , उन्होंने उनसे अपना निजी अनुभव पूछा और उनकी तारीफ की।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी मन की बात कार्यक्रम ऐसे समय संबोधित कर रहे हैं , जब देश में कोरोना संकट के कारण गंभीर स्थिति बनी हुई है। कोरोना संक्रमण के प्रतिदिन रिकॉर्ड नये मरीज मिलने के साथ ही मरने वालों की संख्या में भी इजाफा जारी है। देश के कई राज्यों में मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण आवश्यक सुविधाओं का अभाव है जिसके चलते लोगों के प्राणों पर संकट आ पड़ी है। इससे पहले मन की बात के बाइसवें एपिसोड में भी प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड को लेकर ही चर्चा की थी जिसमें उन्होंने कहा था ‘दवाई भी, कड़ाई भी’.।

Ravi sharma

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