हॉकी खेल के प्रति युवाओं को जागरूक करती है मधुरेन्द्र की रेत कलाकृतियां–कोणार्क

कोणार्क –भारत में विलुप्त हो रहें हॉकी खिलाड़ियों की कमी से काफी चिंतित बिहार के युवा रेत कलाकार मधुरेन्द्र कुमार ने ओड़िसा के चंद्रभागा समुन्द्र तट पर आयोजित कोणार्क फेस्टिवल में सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने हॉकी खेल के प्रति लोगों में भावना जगाने के लिए बालू पर “प्राउड ऑफ इंडिया टू ओड़िशा हॉकी का दिया संदेश।।

मोतिहारी–अंतराष्ट्रीय रेत कला उत्सव में बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन बिजबनी गांव निवासी मशहूर युवा सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र अपनी कलाकृति बनायीं हैं। भारत में 4 हजार पुरानी खेल हॉकी के विलुप्त हो रहें हैं। प्रतिदिन खिलाड़ियों की कमी होता जा रहा हैं। इससे मधुरेन्द्र काफी चिंतित हैं। इन्होंने ओड़िसा के चंद्रभागा समुन्द्र तट पर आयोजित कोणार्क फेस्टिवल में सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने हॉकी खेल के प्रति लोगों में भावना जगाने के लिए बालू पर “प्राउड ऑफ इंडिया टू ओड़िशा हॉकी” का संदेश दिया।

बालू से बनी हॉकी खेल की टोली इतनी मनमोहक की यह युवाओं को इस खेल के प्रति जागरूक कर हैं, यह रेत से बनी कलाकृतियां। यह लोगों को खूब लुभा रहीं हैं। मौके पर उपस्थित जापान, कनाडा, रसिया, स्पेन व सिंगापुर आदि शार्क देशों के रेत कलाकार समेत हजारों पर्यटकों ने भी बिहार के लाल मधुरेंद्र की रेत कलाकृतियों की प्रशंसा की।

Ravi sharma

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