हमारे भगवान जगत् बनाते हैं और स्वयं जगत् बनते भी हैं – पुरी शंकराचार्य

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर – हमारे भगवान जगत् बनाने हैं और जगत् बनते भी हैं इसलिये राम , कृष्णादि के रूप में साक्षात अवतार भी लेते हैं। जबकि जिनके भगवान सिर्फ जगत् बनाते हैं स्वयं जगत् नहीं बन सकते उनका अवतार सम्भव नहीं हो सकता। हमारे भगवान निर्गुण , निराकार हैं तथा सगुण , निराकार और सगुण , साकार के रूप में भी अभिव्यक्त होते हैं। आकाश , वायु, तेज , जल और पृथ्वी पञ्चभूत हैं और शब्द , स्पर्श , रूप , रस और गन्ध गुणों से युक्त हैं। पृथ्वी पांच गुणों से, जल चार गुणों से , तेज तीन गुणों से , वायु दो गुणों से तथा आकाश सिर्फ एक गुण शब्द से युक्त है। शब्द , स्पर्श , रूप , रस और गन्ध गुणों से ही पञ्चभूतों की भौतिकता प्रगट होती है।
उक्त बातें पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने अभनपुर के ब्लाक कालोनी मैदान में आयोजित धर्मसभा में शिष्यवृंदों को संबोधित करते हुये कही।

दस दिवसीय प्रवास पर छग पहुंचे पुरी शंकराचार्य
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गौरतलब है कि हिन्दू राष्ट्र निर्माण के अंतर्गत राष्ट्रोत्कर्ष अभियान में श्रीगोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गरु शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी निश्चलानन्द सरस्वतीजी महाभाग अपने दस दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास के प्रथम चरण में पुरी से रेलमार्ग द्वारा मंगलवार की सुबह राजधानी रायपुर रेलवे स्टेशन पहुँचे। यहां पहुंचने पर धर्मसंघ पीठपरिषद् , आदित्यवाहिनी , आनन्द वाहिनी संगठन तथा भक्तवृन्दों ने उनका भव्य स्वागत किया। स्वागत पश्चात पुरी शंकराचार्यजी यहां से अभनपुर प्रस्थान किये जहाँ आशुतोष अल्का भवन में अभनपुर वासियों ने आत्मीय स्वागत किया। सायं ब्लॉक मैदान अभनपुर में विशाल धर्मसभा आयोजित हुई जिसमें उपस्थित श्रद्धालुओं को शंकराचार्य के दिव्य वाणी से आध्यात्मिक संदेश प्राप्त हुआ। वहीं बुधवार प्रातः निवास स्थल पर हिन्दू राष्ट्र संगोष्ठी एवं दीक्षा का कार्यक्रम समाप्ति पश्चात महाराजश्री सड़क मार्ग से प्रांतीय कार्यालय श्री सुदर्शन संस्थानम् रावांभाठा रायपुर पहुँचे , जहाँ उनका 09 अप्रैल तक प्रवास रहेगा। शंकराचार्य आश्रम में प्रतिदिन प्रात:कालीन सत्र में संगोष्ठी आयोजित होगी जिसमें भक्तजनों के धर्म, राष्ट्र एवं ईश्वर से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान होगा तथा सायंकाल शंकराचार्यजी का आमभक्तों को दर्शन सुलभ रहेगा। इन दिनों में शंकराचार्य आश्रम पर प्रदेश के सभी अंचलों से संगठन के पदाधिकारी गण उपस्थित रहकर संगठन संचालन एवं विस्तार के संबंध में पूज्यश्री से आवश्यक मार्गदर्शन भी प्राप्त कर सकेंगे। प्रादेशिक प्रवास की अगली कड़ी में 09 अप्रैल को अपरान्ह रेलमार्ग से चाम्पा के लिये प्रस्थान करेंगे। सायं चाम्पा रेल्वे स्टेशन पहुँचने पर जिलेवासियों द्वारा भव्य स्वागत पश्चात सड़क मार्ग से कोरबा प्रस्थान करेंगे। कोरबा में घंटाघर चौक के समीप रामजानकी मंदिर परिसर में राजपूत क्षत्रिय भवन में निवास रहेगा। निवास स्थल पर ही 10 एवं 11 अप्रैल को पूर्वाह्न ग्यारह बजे से संगोष्ठी , दीक्षा आयोजित होगी वहीं 10 अप्रैल सायं चार बजे से निहारिका के समीप दशहरा मैदान में विशाल हिन्दू राष्ट्र धर्मसभा का आयोजन है। इस धर्मसभा में सभी सनातनियों को रामराज्य समन्वित एवं सनातन संस्कृति पर आधारित हिन्दू राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का बोध होगा तथा इस पुनीत कार्य में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कर संकल्प लेने का सुअवसर भी होगा। कोरबा में सभी कार्यक्रमो की समाप्ति पश्चात 11 अप्रैल को सायं लिंक एक्स्प्रेस से शंकराचार्यजी बिलासपुर पहुँचेंगे , जहाँ नया बस स्टैंड स्थित झूलेलाल भवन , तिफरा में निवास निर्धारित है। वहाँ 12 एवं 13 अप्रैल को प्रातः संगोष्ठी एवं 12 अप्रैल को सायं सीएमडी महाविद्यालय मैदान में विशाल धर्मसभा आयोजित है। पुरी शंकराचार्यजी 13 अप्रैल को रात्रि में रेलमार्ग से सतना होते हुये रीवाॅं प्रस्थान करेंगे। गौरतलब है कि जब से पुरी शंकराचार्यजी द्वारा भारत को हिन्दू राष्ट्र के रूप में उद्भाषित करने की घोषणा की है जिसके उपरांत उनके प्रवास कार्यक्रम में हिन्दू राष्ट्र निर्माण के संबंध में सभी सनातनियों के मन में उत्साह , उमंग संचारित है।

Ravi sharma

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