हमारे देश में बहुपक्षीय लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था आवश्यक — अमित शाह

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन स्तर को उठाना , देश को सुरक्षित – समृद्ध – संस्कारित व शिक्षित बनाना और देश के गौरव को दुनियां में ऊपर तक ले जाने जैसे काम इकट्ठे होते हैं तब एक सफल शासन बनता है। इन सबको को जो इकट्ठा करता है , वही सफल शासक बनता है। नरेंद्र मोदी अपने आप को भले ही विनम्रता पूर्वक प्रधान सेवक कहें , लेकिन मैं कह सकता हूं कि सफल से सफल प्रधानमंत्री आजादी के बाद अगर कोई है तो वह नरेंद्र मोदी है। उनके नेतृत्व में ना सिर्फ देश के पासपोर्ट का मान बढ़ा है बल्कि सीमायें भी सुरक्षित हुई हैं और समग्र विकास भी सुनिश्चित हुआ है।
उक्त बातें गृहमंत्री अमित शाह ने आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ी संस्था रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी की ओर से “प्रदत्तकारी लोकतंत्र : सरकार के मुखिया के रूप में नरेन्द्र मोदी के दो दशकों की समीक्षा” विषय पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये कही। गरीब से गरीब व्यक्ति को आर्थिक सुधार के केंद्र में रखने का हवाला देते हुये गृहमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने विकास दर को मानवीयता के साथ जोड़ा। उनका मानना है कि विकास दर बढ़नी चाहिये लेकिन साथ ही इसका लाभ गरीब और जरूरतमंदों को भी मिलना चाहिये। शाह ने आगे कहा कि उनके (मोदी) सुधार गरीबों की आवश्यकता पर आधारित हैं। समग्र विकास का मतलब है देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करना। उरी और पुलवामा में हुये सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से दुनियां भर के अंदर संदेश गया कि अब भारत की सीमाओं के साथ छेड़खानी नहीं हो सकती। शाह ने कहा कि देश की रक्षा नीति में बदलाव उस दिन हुआ जब देश की रक्षा नीति को स्पष्टता के साथ विदेश नीति से अलग कर दिया गया। गृहमंत्री शाह ने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुये कहा कि वर्ष 2014 आते-आते देश में रामराज की परिकल्पना ध्वस्त हो चुकी थी और जनता के मन में आशंका थी कि कहीं बहुपक्षीय लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था विफल तो नहीं हो गई।लेकिन देश की जनता ने धैर्य से फैसला देते हुये नरेन्द्र मोदी को पूर्ण बहुमत के साथ देश का शासन सौंपा। तब लोगों के अंदर आक्रोश आशा में परिवर्तित होता दिखने लगा। गृहमंत्री ने कहा भारत की आज़ादी के 75 वर्ष हो गये हैं , जब हम आजाद हुये और हमारे देश की संविधान सभा बनी तो सभा ने मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम को स्वीकार किया जो उचित फैसला था। उन्होंने कहा कि इतने बड़े देश में मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम होना चाहिये , हर पार्टी की एक आईडियोलॉजी होनी चाहिये। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने कई सारे बदलाव लाने का प्रयास किया। बहुत सारे कार्य उन्होंने गुजरात में किये। रिफॉर्म्स , पारदर्शिता पर उन्होंने काम किये। उन्होंने वहां सर्व स्पर्शी और सर्व समावेशक विकास की शुरुआत की। अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत का मान बढ़ाने के लिये प्रधानमंत्री का आभार जताते हुये शाह ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद विश्व पटल पर उन्होंने ‘भारत की संस्कृति का देवदूत’ बनकर योग और आर्युवेद को दुनियां भर में पहुंचाने का काम किया है। गृहमंत्री ने कहा मैं मानता हूं कि आजादी के बाद भारत की संस्कृति का ध्वज वाहक बनकर प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में भाषण दिया। पीएम मोदी के सात साल के अब तक के कार्यकाल में हर क्षेत्र के अंदर परिवर्तन हुआ है और सुधार किया गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं पहली बार संघ की शाखा में 12 मार्च 1980 को गया था , तब से लेकर मैं अनुच्छेद 370 और 35ए हटायेंगे -हटायेंगे सुनता था। वर्ष 2019 में  नरेंद्र मोदी को अपार जनसमर्थन मिला और 05 अगस्त 2019 को कश्मीर से हमेशा के लिये अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त किया गया।
गौरतलब है कि मोदी के शासनाध्यक्ष के तौर पर 20 साल पूरे होने पर रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी नामक नेतृत्व विकास अकादमी 27 से 29 अक्टूबर तक इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजित है , जिसका केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उद्घाटन किया और उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की। सम्मेलन के अन्य प्रमुख वक्ताओं में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और धर्मेद्र प्रधान , भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी हैं। वहीं 29 अक्टूबर को होने वाले सम्मेलन के समापन सत्र में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा मुख्य अतिथि होंगे।

Ravi sharma

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