अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – भारतीय फिल्म उद्योग ने विभिन्न भाषाओं में अपनी स्वयं की एक पहचान बनायी है। मेरा मानना है कि सिनेमा की अपनी खुद की भाषा है जो सांस्कृतिक एवं क्षेत्रीय सीमाओं से पार जाती है। हम भारतीय फिल्म उद्योग की सफलता का जश्न मनाते हैं क्योंकि यह हमें मनोरंजन , प्रबोधन और प्रोत्साहन देता है।
उक्त बातें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में 67 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं से अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल लोगों व समाज की भलाई के लिये करने का अनुरोध करते हुये कहा कि सिनेमा को सकारात्मकता और खुशियां लानी चाहिये।उपराष्ट्रपति ने कहा कि सकारत्मकता समय की आवश्यकता है। बाधक नहीं बनें बल्कि रचनात्मक बनें। वहीं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने महामारी के बीच लोगों का मनोरंजन करते रहने के लेकर भारतीय फिल्म उद्योग की सराहना की। उन्होंने कहा कि फिल्म लोगों को प्रभावित करने में एक अहम भूमिका निभाती है , इस कारण फिल्म उद्योग के लिये यह जरूरी है कि वह लोगों को प्रेरित करने वाली सामग्री तैयार करे। उन्होंने आगे कहा कि हमारे फिल्म उद्योग को एक सॉफ्ट पावर माना जाता है और इसने ब्रांड इंडिया बनाने में एक बड़ी भूमिका निभायी है। यह फिल्म निर्माताओं पर निर्भर करता है कि वे देश को किस रूप में दिखाना चाहते हैं। इस समारोह में सभी विजेता शामिल हुये , जिन्हें उपराष्ट्रपति ने स्वर्ण कमल एवं रजत कमल , शाल और ईनाम की राशि देकर सम्मानित किया। सुपरस्टार रजनीकांत को 51वें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान विज्ञान भवन में मौजूद सभी लोगों ने उनके लिये खड़े होकर तालियां बजायी। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म छिछोरे को बेस्ट हिंदी फिल्म का अवॉर्ड मिला। एक्टर धनुष , मनोज वाजपेयी को बेस्ट एक्टर, कंगना रनौत को बेस्ट एक्ट्रेस और विजय सेतुपति को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड दिया गया। बता दें कि कंगना रनौत को चौथी बार नैशनल अवॉर्ड मिला है।
रजनीकांत को सर्वोच्च सम्मान – इसी वर्ष 22 मार्च को फिल्म पुरस्कारों के विजेताओं के नामों की घोषणा की गई थी। उपराष्ट्रपति ने रजनीकांत को सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया , पिछली बार यह पुरस्कार अमिताभ बच्चन को मिल था। सबसे पहला दादा साहेब फाल्के पुरस्कार वर्ष 1969 में अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था। इसी तरह बेस्ट हिंदी फिल्म का अवॉर्ड दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म छिछोरे को मिला। अवॉर्ड लेते वक्त फिल्म के डायरेक्टर नीतेश तिवारी और प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला ने सुशांत को याद करते हुये अवॉर्ड डेडीकेट किया। बता दें कि सुशांत राजपूत का पिछले साल 14 जून को निधन हो गया था। इसी कड़ी में साउथ सुपरस्टार मोहनलाल की मलयालम फिल्म ‘मरक्कर: द लायन ऑफ अरेबियन सी’ को बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड दिया गया। धनुष की फिल्म असुरन को बेस्ट तमिल फिल्म का पुरस्कार मिला। इसी तरह से बेस्ट चिल्ड्रेन फिल्म का अवॉर्ड हिंदी फिल्म कस्तूरी को मिला। हिंदी फिल्म कस्टडी को बेस्ट शॉर्ट फिक्शन फिल्म का पुरस्कार और फिल्म राधा को बेस्ट एनीमेशन फिल्म का अवॉर्ड मिला। पिछले साल ऑस्कर के लिये भेजी गई मलयालम फिल्म जल्लीकट्टू को बेस्ट सिनेमैटोग्राफी अवॉर्ड मिला। इसी कड़ी में फिल्म भोंसले में जबरदस्त अभिनय के लिये अभिनेता मनोज बाजपेयी और असुरन के लिये अभिनेता धनुष को उपराष्ट्रपति ने बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया। इसी तरह अभिनेत्री कंगना रनौत को फिल्म मणिकर्णिका क्वीन आफ झांसी और फिल्म पंगा के लिये बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। फिल्म ‘बहत्तर हूरें’ के लिए संजय पूरन सिंह को बेस्ट डायरेक्शन का अवॉर्ड मिला। इसी कड़ी में फिल्म द ताशंकत फाइल्स के लिये अभिनेत्री पल्लवी जोशी को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड दिया गया। वहीं साउथ सुपरस्टार विजय सेतुपति को फिल्म सुपर डीलक्स के लिये बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड मिला। मराठी फिल्म बरदो के लिये गायिका सवानी रविंद्र को बेस्ट प्लेबैक सिंगर फीमेल का अवॉर्ड मिला। फिल्म केसरी के गीत तीरी मिट्टी के लिये सिंगर बी प्राक को बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड मिला।