सीएम बघेल ने की गोधन न्याय योजना हितग्राहियों को राशि अंतरित–रायपुर

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर – गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में जैविक खाद और जैविक कीटनाशक महिला समूहों द्वारा तैयार किये जा रहे हैं। गौठानों में ये उत्पाद भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। इनके उपयोग से जमीन की उर्वरता बढ़ेगी और खेती की लागत भी कम होगी।
उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज किसानों से आगामी खरीफ सीजन में खेती किसानी में जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की अपील करते हुये कही। वे आज अपने राजधानी स्थित निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि के आनलाइन अंतरण के लिये आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गोधन योजना के हितग्राहियों के खाते में ऑनलाईन 21.31 करोड़ रूपये की राशि अंतरित की। इस राशि में 16 मई से 31 मई तक गौठानों में क्रय किये गये गोबर के एवज में ग्रामीण पशुपालकों 04.91 करोड़ रूपये तथा गौठान समितियों को 08.98 करोड़ एवं स्व-सहायता समूहों को 06.29 करोड़ रूपये की लाभांश राशि तथा गौठान समितियों ने अध्यक्षों और सदस्यों के मानदेय की 01.13 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। गौरतलब है कि गोबर विक्रेताओं , गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को आज वितरित की गई राशि को मिलाकर अब तक हितग्राहियों को 538 करोड़ 89 लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है। इसमें से योजना के प्रारंभ होने के बाद से अब तक गोबर विक्रेताओं को 237.28 करोड़ रूपये तथा स्व- सहायता समूहों एवं गौठान समितियों को 223.60 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्वावलंबी गौठान समिति के अध्यक्षों और सदस्यों को मिलाकर समिति के कुल 21 हजार 360 सदस्यों की मानदेय की 01.13 करोड़ रुपये की राशि जारी की। स्वावलंबी गौठान समिति के अध्यक्ष को 750 रुपये और अशासकीय सदस्यों को 500 रुपये का मानदेय दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में 10 हजार 409 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है , इनमें से 98 प्रतिशत यानि 10 हजार 235 गौठानों का निर्माण पूरा हो गया है। जबकि 04 हजार 584 गौठान ऐसे हैं , जिन्होंने पिछले 15 दिनों में 30 क्विंटल या उससे अधिक गोबर की खरीदी की है। इससे पूर्व के पखवाड़े की तुलना में इतनी अधिक मात्रा में गोबर खरीदने वाले गौठानों की संख्या में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार पिछले वर्ष 16 से 31 मई 2022 की तुलना में इस वर्ष इसी अवधि में गोबर खरीदी में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रदेश के 05 हजार 911 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। इन गौठानों द्वारा अब तक गोबर खरीदी के एवज में कुल 53 करोड़ 80 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। आज गोबर खरीदी के एवज में जारी की गई 04 करोड़ 91 लाख रुपये की राशि में से 03 करोड़ 05 लाख रुपये का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा तथा विभाग द्वारा 01 करोड़ 86 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में चल रही विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से 15 हजार 905 स्व सहायता समूहों की 01 लाख 89 हजार 614 सदस्यों को अब तक 144 करोड़ 22 लाख रुपये की आय हुई है। बताते चलें सीएम बघेल ने इस अवसर पर अपने निवास परिसर में आंवला का पौधा लगाया। उन्होंने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुये कहा आज विश्व पर्यावरण दिवस है। हमारी गोधन न्याय योजना का एक उद्देश्य पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन करना भी है। राज्य सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना , मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना , वृक्ष संपदा योजना , कृष्ण कुंज योजना , नदी तट वृक्षारोपण , फलदार पौधा रोपण जैसी योजनाओं के माध्यम से अपने पर्यावरण को लगातर बेहतर बनाने का काम किया जा रहा है। हमारी सरकार पर्यावरण के संरक्षण के लिये हर संभव प्रयास कर रही है।उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील किया कि आने वाले मानसून में ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करें और अपने गांव , गौठान , खेतों और जंगलों को खूब हरा-भरा बनायें। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा , अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू , कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह , नरवा – गरूवा – घुरवा – बाड़ी योजना के नोडल अधिकारी डॉ० अयाज तंबोली , संचालक कृषि श्रीमती रानू साहू भी विशेष रूप से उपस्थित थीं।

Ravi sharma

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