संसद लूटतंत्र का कारखाना,राजनेता लूटप्रथा को जन्म देने वाले आभिजात्य श्रमिक-डाॅ रुपक कुमार

डा० रुपक कुमार

संसद लूटतंत्र का कारखाना, राजनेता लूटप्रथा को जन्म देने वाले आभिजात्य श्रमिक-डाॅ रुपक कुमार

भारत जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्र में सेना, शिक्षक और कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता रोकना और सांसदो के विभिन्न प्रकार का भत्ता और सुविधाओं को बढ़ाना औचित्यहीन है साथ ही देश के नागरिकों के साथ किया गया धोखा है। ऐसे लोकतांत्रिक समाजवाद की परिकल्पना साकार नहीं हो सकती।

आदेश पत्र


कोरोना जैसी महामारी ने वैश्विक त्रासदी पैदा कर दिया है। अपने देश को भी अब वित्तीय संकट और बेरोजगारी की दोहरी मार झेलने के लिए तैयार रहना होगा। एक सर्वेक्षण के मुताबिक लगभग 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते है वहीं लगभग 40 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे आ सकते है। यह गंभीर चुनौती है जिससे उबरने में कई साल बीत सकते है। अब देश का विकास भी अवरुद्ध होने वाला है। देश के सेना हो या अधिकारी, शिक्षक हो या कर्मचारी इनको श्रम के बदले साल मे दो बार मिलने वाले महंगाई भत्ता पर जुलाई 2021 तक सरकार द्वारा रोक लगा दिया गया है। मंहगाई भत्ता यानि DA पाना इन सभी सरकारी सेवकों का अधिकार है। इन कर्मचारियों के वेतन इस भत्ता के रोक के बाद जुलाई 2021 तक 20-30% तक कम हो जाने का अनुमान है।

आर्थिक संकट से बचने के लिए सरकार ने जो कटौती सरकारी कर्मचारी और पेंशन पाने वालो पर लागू किया है, इससे कर्मचारी निराश पर आम लोग बहुत खुश है, और सरकार की सराहना कर रहे है, पर वही लोग इस आर्थिक संकट के समय तब चुप्पी मार लेते है जब सत्ता और सदन मे बैठे लोग निर्लज्जता से अपने वेतन, भत्ता, सुख सुविधाओं मे अप्रत्याशित वृद्धि कर लेते है। ये माननीय पहले 30% वेतन कम लेने की बात करते है और बाद में कई तरह के भत्ता बढ़ोतरी के प्रस्ताव को स्वीकृत करा लेते है।

मै पहले से लिखता रहा हूँ कि भारत मे लोकतंत्र है ही नही यहाँ समानता और लोकतांत्रिक समाजवाद की बात करना बेमानी है। हमारे अनुसार “लोकतंत्र ऐसा सिद्धांत है जो देश के संसाधनों को लूटने के लिए मैकेनिज्म तैयार करता है, संसद लूटतंत्र का कारखाना है, एवं राजनेता लूटप्रथा को जन्म देने वाले देश के भ्रष्ट और आभिजात्य श्रमिक…”


✍डाॅ. रुपक कुमार

Ravi sharma

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