वित्तमंत्री के साथ बैठक में छग सीएम बघेल ने रखे कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित बजट पूर्व नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई सभी राज्यों के वित्तमंत्रियों की बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की उम्मीदें और राज्य के हितों से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। इस बैठक में सीएम बघेल ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई , कोल उत्खनन पर केंद्र के पास जमा राशि प्रदेश को शीघ्र देने एवं नक्सल उन्मूलन के लिये तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर किये गये व्यय की प्रतिपूर्ति की मांग की।केंद्रीय वित्तमंत्री के सामने सुझाव रखते हुये सीएम बघेल ने कहा नक्सल समस्या के उन्मूलन के लिये राज्य में तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर लगभग पंद्रह हजार करोड़ रुपये व्यय हुये हैं। इस राशि की प्रतिपूर्ति के लिये आगामी केंद्रीय बजट में विशिष्ट प्रावधान किया जाये। उन्होंने जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के बाद भी अगले पांच वर्षों तक जारी रखने की मांग की है।उन्होंने कहा कोयला उत्खनन कंपनियों से ली गई 04 हजार 140 करोड़ रुपयों की राशि शीघ्र छत्तीसगढ़ को अंतरित की जाये। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय करों में छत्तीसगढ़ के हिस्से की लंबित राशि को भी शीघ्र लौटाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर केंद्रीय उत्पाद कर में कटौती के स्थान पर केंद्र द्वारा अधिरोपित उपकरों में कमी की जाये जिससे राज्यों को राजस्व का नुकसान ना हो। वर्ष 2022-23 के बजट में अनुसूचित वर्गों के कल्याण के लिये वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये ठोस स्थायी व्यवस्था की जाये। उन्होंने आगामी केंद्रीय बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में आबंटन से संधारण व्यय करने की अनुमति का प्रावधान भी करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने रायपुर में इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल प्रारंभ करने के लिये आगामी बजट में प्रावधान करने की मांग की। वहीं स्थल से घिरे हुये राज्यों को अन्तर्देशीय परिवहन अनुदान देने की मांग भी उठायी। सीएम बघेल ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में बेहतर क्रियान्वयन करने वाले राज्यों के लिये प्रति परिवार 1100 रुपये प्रीमियम की सीमा बढ़ाने की मांग की। उन्होने कहा इससे हितग्राहियों की संख्या बढ़ेगी और अधिकांश जनसंख्या को इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पात्र परिवार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत भी पात्र होने चाहिये। सीएम बघेल ने इस दौरान धान का मुद्दा उठाते हुये वर्ष 2021-22 में कम से कम 23 लाख मीट्रिक टन उसना चांवल केंद्रीय पुल में लेने का आग्रह किया , उन्होंने कहा एफसीआई को इसका लक्ष्य दिया जाये। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में उपलब्ध अतिशेष धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति भी शीघ्र देने की मांग भी की। सीएम ने विभिन्न योजनाओं में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बढ़ाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में केन्द्र का हिस्सा 90 प्रतिशत और राज्य का हिस्सा 10 प्रतिशत किया जाये , ऐसा होने से राज्यों पर इसका अत्यधिक वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। उन्होंने जल-जीवन मिशन में केन्द्रांश एवं राज्यांश का अनुपात 50ः50 के स्थान पर 75ः25 करने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा केन्द्र सरकार की वोकल फॉर लोकल योजना के तहत स्थानीय उत्पादों के विक्रय के लिये छत्तीसगढ़ में खोले जा रहे सी-मार्ट की स्थापना के लिये आगामी बजट में प्रावधान किया जाये। वहीं राष्ट्रीय खनिज विकास निगम का मुख्यालय छत्तीसगढ़ में स्थानांतरित करने की मांग की। सीएम भूपेश बघेल ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य को आवंटित की जाने वाली राशि में वृद्धि की मांग उठायी। उन्होंने अमरकंटक में संचालित केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय का एक कैंपस बस्तर की जनजातियों के विशेष अध्ययन हेतु छत्तीसगढ़ में खोलने की मांग की। इसके अलावा नैक का क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर में खोलने और यूजीसी का भी एक क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की मांग की। इसके साथ ही बैठक में सीएम बघेल ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों एवं मजदूरों को उदारता पूर्वक राशि दिये जाने , मनरेगा की मजदूरी दर श्रम आयुक्त की दरों के बराबर करने , दलहन-तिलहन उत्पादन हेतु विशेष प्रोत्साहन देने संबंधी सुझाव दिये। बता दें केंद्रीय वित्त मंत्री की यह बैठक 2022-23 के केंद्रीय बजट की पूर्व कवायद का हिस्सा है। इसके जरिये सभी राज्य सरकारों ने अपनी मांग रखी है।

Ravi sharma

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