“राधे झूलन पधारो,झूकी आई बदरा”श्री गजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम नौलखा मंदिर में झूला महोत्सव –सोनपुर

हरिहरक्षेत्र –हरिहर क्षेत्र के श्री गजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम् नौलखा मन्दिर में झूला महोत्सव के तीसरे दिन बुधवार को आनन्द मनाते हुए देवस्थान के पीठाधिपति जगतगुरु श्री स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने बताया कि भारतीय संस्कृति में झूला झूलने की परम्परा वैदिक काल से ही चली आ रही है.भगवान श्री कृष्ण राधा संग झूला झूलते और गोपियों संग रास रचाते. मान्यता है कि इससे प्रेम बढ़ने के अलावा प्रकृति के निकट जाने एवं उसकी हरियाली बनाते रखने की प्रेरणा मिलती है. संस्कृति और परम्परा की ही देन है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में गांव एवं कस्बे में लोग झूला उत्सव मनाते हैं और झूला झूलते हैं.


श्री स्वामी लक्ष्मणाचार्य ने आगे बताया कि सावन में झूला महोत्सव या झूला झूलने मात्र आनन्द की अनुभूति नहीं कराते अपितु स्वास्थ्य वर्धक प्राचीन योग भी है. सावन में हवा अन्य महीनों की तुलना में अधिक शुद्ध होती है. इस मास को”सजीला”महीना भी कहते हैं. सावन की हरियाली का हरा रंग आंखों पर अनुकूल प्रभाव डालता है, इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है. झूला झूलते हुए या श्री भगवान के झूले को झूलाते हुए श्वास- उच्छवास लेने की गति में तीव्रता आती है. इससे फेफड़े सुदृढ़ होते हैं इसके साथ ही झूला झूलते या झूलाते समय श्वास अधिक भरा या रोका व वेग से छोड़े जाते हैं.

इससे नवीन प्रकार का प्राणायाम पूर्ण हो जाता है जो स्वास्थ्य वर्धक है. झूलते हुए या श्री भगवान के झूले को झूलाते समय रस्सी पर हाथों की पकड़ सुदृढ़ होती है, और झूले को गति देने से हाथ, हथेली और उंगलियों की शक्ति बढ़ती है. वहीं दूसरी ओर पीठ-रीढ़ का व्यायाम हो जाता है.
श्री स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने झूला महोत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा जो लोग श्रावण मास में भगवान को झूला झूलाते या झूले में दर्शन करते हैं वे लोग सारे कष्ट से मुक्त हो जाते हैं.भगवान श्री कृष्ण ने अनन्त दिव्य लीलाएं की है अतएव भगवान श्री कृष्ण को लीला बिहारी, लीला पुरुषोत्तम भगवान भी कहते हैं. भगवान श्री कृष्ण बाल्यकाल में सुमधुर आनन्द दिव्य बाल लीला की है जिसमें झूला महोत्सव का विशेष महत्व है.भगवान श्री कृष्ण श्रावण मास में झूला झूले इस लिए श्रावण माह में झूला महोत्सव मनाया जाता है.


इस अवसर पर भजन गायकों द्वारा गाया गया गीत”राधा झूलन पधारो, झूकी आई बदरा”…..””सावन में झूला झूल रहे राधे संग कुंज बिहारी””ने श्रद्धालुओं को आनन्द से भाव विभोर कर दिया. भावना में विभोर श्री लाल पाठक, ओंकार सिंह, नन्द किशोर तिवारी, नन्द कुमार, दिलीप झा, फूल झा, समाजसेवी लाल बाबू पटेल, सत्येन्द्र नारायण सिंह,भोला सिंह, संजय सिंह, सुषमा सिंह सहित अन्य लोग उत्सव मनाने में जुटे हैं.

Ravi sharma

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