राज्य सेवा परीक्षा में प्रज्ञा नायक बनीं टापर-रायपुर

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर – छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा 2021 के नतीजे घोषित कर दिये गये हैं। पूरे प्रदेश में पहले और दूसरे नंबर पर लड़कियों ने बाजी मारी है जबकि टाप – टेन में प्रज्ञा नायक और दो अन्य महिलाओं के साथ सात पुरूषों के नाम शामिल है। बताते चलें राजधानी रायपुर निवासी चौबीस वर्षीया प्रज्ञा नायक ने प्रदेश में टॉप किया है और दूसरे नंबर पर अनन्या अग्रवाल ने जगह बनाई है। वहीं रायपुर निवासी शशांक गोयल और उनकी पत्नी भूमिका कटियार ने तीसरी और चौथी रैंक हासिल की है। इसी कड़ी में जारी किये गये परिणाम के अनुसार राणा विजय को पाचंवा योगेश्वर कुमार द्विवेदी छठवां , अमित कुमार भारद्वाज को सातवां , नीतेश आठवां , अभिषेक तिवारी नौवां और उमेश रात्रे को दसवां स्थान मिला है। उल्लेखनीय है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के लिये यह परीक्षा 2022 में 26 से 28 मई तक आयोजित की गई थी। इसके लिये एक लाख से भी अधिक युवाओं ने परीक्षा दिया , लेकिन मुख्य परीक्षा के लिये केवल 2565 युवाओं का चयन हुआ। राज्य के 21 सरकारी विभागों में डिप्टी कलेक्टर , डीएसपी , राज्य वित्त सेवा और राजस्व सेवा सहित 171 पदों के लिये 509 उम्मीद्वारों को साक्षात्कार के लिये शॉर्टलिस्ट किया गया था। इसके बाद 20 सितंबर 2022 से 30 सितंबर 2022 के बीच इंटरव्यू के लिये चयनित छात्रों का इंटरव्यू हुआ। लिखित परीक्षा और इंटरव्यू में प्राप्त अंकों के कुल योग से मेरिट का चयन किया गया है। पीएससी-2021 में डिप्टी कलेक्टर के 15 और डीएसपी के 30 पद हैं। इसके अलावा नायब तहसीलदार , वित्त सेवा अधिकारी , सहायक जेल अधीक्षक , जिला आबकारी अधिकारी , श्रम पदाधिकारी, रोजगार अधिकार जैसे पद भी शामिल हैं। राज्य सेवा परीक्षा 2021 मेंं डिप्टी कलेक्टर के 15 पदों में 07 पर महिलाओं का और 08 पर बेटों का चयन हुआ है। इसी तरह से डीएसपी रैंक के 30 पदों में 22 पुरुष और 08 महिलायें चयनित हुईं। वित्त एवं योजना विभाग के 10 पदों में 07 पुरुष और 03 महिलाओं का चयन हुआ है। जिला आबकारी अधिकारी के 03 पदों में केवल पुरुष ही हैं।गौरतलब है कि 2021 के परीक्षा का रिजल्ट 2023 में जारी हो रहा है। इतना लंबा वक्त लगने के पीछे 2022 में हुये आरक्षण विवाद है। इसके चलते राज्य में सभी सरकारी भर्ती रोक दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के 58 प्रतिशत आरक्षण को मान्य किया है इसके बाद लगातार सभी सरकारी भर्ती अटके रिजल्ट को जारी किया जा रहा है। इसके अलावा नई वेकेंसी भी जारी किया जा रहा है।

पहली रैंक आना मेरे लिये गौरव की बात – प्रज्ञा नायक
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राज्य सेवा परीक्षा 2021 में छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम आने वाली राजधानी की दीनदयाल उपाध्याय नगर सेक्टर – 2 निवासी प्रज्ञा नायक ने बताया कि पहली बार सीजीपीएससी की परीक्षा में कुछ अंक से ही रह गई। इसके बाद और लगन से तैयारी शुरू कर दी। दूसरी बार में परीक्षा में सफल हो गई हूं , पहली रैंक आना मेरे लिये गौरव की बात है। स्टेट टॉपर प्रज्ञा नायक के परिवार में इस वक्त दोगुनी खुश का माहौल है क्योंकि उसके भाई प्रखर ने भी परीक्षा पास कर ली है। प्रखर नायक ने 20वीं रैंक हासिल की है।उनके पिता महेश नायक स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक संचालक और मां ज्योति नायक गृहणी हैं , जिन्होंने हमेशा उनका मार्गदर्शन किया। उसके परिवार में पिता , चाचा के अलावा भी कई और रिश्तेदार सरकारी नौकरी में हैं। प्रज्ञा वर्ष 2020 से तैयारी कर रही हैं यह उनका दूसरा प्रयास था। पहले प्रयास में दो नंबर से प्री क्वालिफाई नहीं कर सकी लेकिन इसके बाद उसने तैयारी को अपना जुनून बना लिया। वह बंद कमरे में रोज आठ से दस घंटा पढ़ाई करती और खुद के नोट्स भी तैयार करती रहती थी। सोशल मीडिया से दूरी और पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने जैसी कुर्बानी का नतीजा आज पूरे प्रदेश के सामने है। प्रज्ञा ने बताया इंटरव्यू में मेरे साथ एक दिलचस्प बात हुई , जहां मुझे रूस-यूक्रेन युद्ध पर कुछ लिखने के लिये कहा गया। इसके अलावा छत्तीसगढ़ी बोली में बात करने से परीक्षा में इस बोली को समझने का फायदा मिला क्योंकि इससे संबंधित प्रश्न भी पूछे गये थे। फिलहाल रविशंकर यूनिवर्सिटी से एमए पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई कर रही प्रज्ञा ने कहा भरोसा नहीं हो रहा है कि मैं टॉप की हूं। परीक्षा तो बहुत अच्छा गया था , लेकिन सोची नहीं थी टॉप पर जाऊंगी। मेहनत की थी उसका नतीजा मिला है , घर का भरपूर सपोर्ट मिला। इसके अलावा दोस्तों का लगातार मार्गदर्शन रहा है।उन्होंने आगे बताया कि हम भाई – बहन साथ पढ़ते थे। हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क का परिणाम है। इंटरनेट मेरे लिये बहुत फायदेमंद रहा है। पढ़ने लिखने का कोई समय नहीं होता था। कई बार ऐसा हुआ है कि तैयारी छोड़ देने का मन करता था , हतास हो जाती थी। लेकिन मेरे परिवार , मेरे दोस्त मेरा मनोबल बनाये रखते थे।

सफलता की कहानी,उन्हीं की जुबानी
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बिलासपुर में उप पंजीयक के पद पर तैनात रायपुर निवासी शशांक गोयल ने तीसरा और उनकी पत्नी भूमिका ने चौथा स्थान प्राप्त किया है। इस जोड़ी का चयन डिप्टी कलेक्टर पद के लिये हुआ है। राज्य सेवा आयोग की परीक्षा में सब रजिस्ट्रार से डिप्टी कलेक्टर बने रायपुर निवासी शशांक गोयल ने बताया कि वे पिछले छह-सात वर्षों से इसकी तैयारी कर रहे थे। पिछले वर्ष भी उनका चयन हो गया था लेकिन रैंक ज्यादा आने के कारण उन्हें अच्छी पोस्ट नहीं मिली। इस वर्ष उनकी तैयारी रंग लाई और वे तीसरे स्थान पर रहे। शशांक गोयल ने बताया कि उन्होंने एनआईटी से इंजीनियरिंग की है और आईआईएम रांची से एमबीए किया है। वर्तमान में वे बिलासपुर में सब रजिस्ट्रार हैं। उनके पिता प्राइवेट नौकरी में हैं और उनकी मां हाउस वाइफ है। वहीं भूमिका ने बताया कि मुझे मेरे माता-पिता और ससुराल दोनों का बहुत सपोर्ट मिला। मैंने मायके में रहकर तैयारी शुरू की और ससुराल आकर परीक्षा दी। यह मेरा दूसरा प्रयास था। पहले हम चर्चा करते थे , फिर सप्ताह की योजना बनाकर अध्ययन करते थे। हमें जो भी पढ़ाई में समझ आता था , एक दूसरे से डिस्कस करते थे। एक तरह से पति-पत्नी से सेल्फ स्टडी करके ये परीक्षा पास की है। रायपुर के प्रखर नायक ने सीजीपीएससी में 20 वीं रैंक हासिल की है। प्रखर ने बताया कि एनआईटी रायपुर से पासआउट होने के बाद सिविल सेवा की तैयारी के लिये वे दिल्ली चले गये। दो साल तक दिल्ली में रहकर तैयारी की। इसके बाद घर पर आकर खुद से पढ़ना शुरू कर दिया। कोचिंग के दौरान तैयार किये गये नोट्स काम आये। सीजीपीएससी की तैयारी के दौरान पुराने प्रश्न पत्र भी हल करने का अभ्यास करता रहा। दो बार सीजीपीएससी की परीक्षा दी , इसमें सफल नहीं हुआ। लेकिन जो भी खामियां थी उसे सुधारता गया और आखिकार तीसरे प्रयास में सफलता मिल गई। भिलाई तालपुरी निवासी दो भाई बहनों ने भी पीएससी की परीक्षा में इतिहास रच दिया। बहन नेहा खलखो ने 13 वीं रैंक हासिल की है , वहीं निखिल 17 वीं रैंक पर रहे। उनके पिता अमृत कुमार खलखो छत्तीसगढ़ शासन में राज्यपाल के सचिव हैं। परिणाम की जानकारी मिलते ही खलखो परिवार में उल्लास का माहौल है। नेहा व निखिल दोनों ने ही कहा कि बचपन से ही वे अपने पिता अमृत खलखो एवं मां शार्मिला खलखो से प्रभावित थे और जन सेवा का लक्ष्य तय कर पीएसपी की परीक्षा दी थी। तालपुरी ए ब्लाक निवासी नेहा खलखो ने बताया कि उन्होंने 2013 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी। इसके बाद से वे बेहतर रैंक लाने लगातार प्रयासरत रहीं। कोरोना काल में उन्होंने ड्राप लेते हुये पीएसपी की तैयारी शुरू की। नेहा ने बताया कि पीएसपी में दूसरे प्रयास में वह सफल हुईं। वे स्वयं अध्ययन करने के साथ ही एक कोचिंग संस्थान में भी पढ़ाती थी। उन्होंने बताया कि पिता अमृत खलखो का मार्गदर्शन हम दोनों भाई बहनों को मिला। घर में बेहतर पढ़ाई का माहौल मां शार्मिला खलखो से मिला। उन्होंने बताया कि जीवन में अनुशासन एवं लगन के साथ मेहनत करें तो सफलता मिलनी तय है। परीक्षा में असफल होने पर कभी हार नहीं मानना चाहिये वरन आने वाली परीक्षा के लिएयेऔर भी बेहतर तैयारी करनी चाहिये। इसके अलावा रायगढ़ में पदस्थ आरक्षक का भी 14वां स्थान आया है , जो अब आरक्षक से डिप्टी कलेक्टर बन गये हैं। बताते चलें रायगढ़ के कांटा हरदी निवासी आरक्षक का नाम महेंद्र कुमार सिदार है। ये वर्ष 2013 से ही छत्तीसगढ़ पुलिस में सेवा दे रहे हैं। महेंद्र रायगढ़ के डीएसपी शाखा में पदस्थ हैं। ये अपनी ड्यूटी के साथ-साथ अपनी पढ़ाई और लगन के चलते ही इस मुकाम पर पहुंचे हैं।

Ravi sharma

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