अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
➖➖➖➖➖➖➖
नई दिल्ली – महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को देश का अगला मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है। ये 15 मई से मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा की जगह लेंगे , जिनका कार्यकाल 14 मई को खत्म हो रहा है। राजीव कुमार पिछले डेढ़ वर्षों से चुनाव आयुक्त के तौर पर भारतीय निर्वाचन आयोग में जिम्मेदारियां सम्हाल रहे हैं। लेकिन उससे पहले उनका भारत सरकार से लेकर राज्य सरकार तक में बहुत लंबा कार्यकाल रहा है। न्याय एवं विधि मंत्रालय ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 324 के खंड (2) के अनुसरण में राजीव कुमार को 15 मई, 2022 से मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त करते हुये राष्ट्रपति प्रसन्न हैं।
गौरतलब है कि राजीव कुमार का जन्म 19 फरवरी 1960 को हुआ था। वे वर्ष 1984 बैच के आईएएस अफसर हैं। उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं में 36 साल तक काम किया। केंद्र के कई मंत्रालयों के अलावा उन्होंने अपने बिहार-झारखंड कैडर में भी लंबे समय तक सेवायें दीं। राजीव कुमार बीएससी के साथ वकालत में एलएलबी, पीजीडीएम और लोक नीति से एमए भी किया है। ये 19 मार्च 2012 से 12 मार्च 2015 तक संयुक्त सचिव और तत्कालीन अतिरिक्त सचिव, व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय के पद पर तैनात थे। इन्होंने 12 मार्च 2015 से 30 अगस्त 2017 तक स्थापना अधिकारी, विशेष सचिव, कार्मिक लोक शिकायत, पेंशन मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के रूप में भी कार्यभार सम्हाला। वे फरवरी 2020 में ही केंद्रीय वित्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुये थे। इनको एक सितंबर 2020 को चुनाव आयोग में आयुक्त के तौर पर नियुक्ति मिली थी। नियमों के मुताबिक चुनाव आयुक्त का कार्यकाल छह साल या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) उस समय तक होता है। इनका कार्यकाल वर्ष 2025 तक है , यानि इनके कार्यकाल में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिये चुनाव के अलावा वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव और कई विधानसभा चुनाव होंगे। तत्कालीन चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के इस्तीफे के बाद उन्होंने 01 सितंबर 2020 को चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार सम्हाला था। कुमार को जब निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया था तब वे लोक उद्यम चयन बोर्ड के अध्यक्ष थे।