रंजीत हत्याकांड में राम रहीम सहित पांच को उम्रकैद की सजा

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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पंचकूला – डेरा सच्चा सौदा सिरसा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह हत्याकांड में पंचकुला की विशेष सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम और चार अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनायी है। इसके साथ ही राम रहीम पर 31 लाख रुपये एवं अन्य आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। हालांकि सीबीआई ने गुरमीत राम रहीम को फांसी की सजा देने की मांग की थी , लेकिन अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनायी। दूसरी ओर गुरमीत राम रहीम के वकील अजय वर्मन ने कहा कि वह इस फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। फैसले दौरान पंचकूला में धारा-144 लागू रही , कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे और किसी भी तरह के तेजधार हथियार को लेकर चलने पर भी प्रतिबंध रहा। सत्रह नाकों समेत शहर में कुल सात सौ जवान तैनात रहे। सीबीआई कोर्ट परिसर और चारों प्रवेशद्वार पर आईटीबीपी की चार टुकड़ियां तैनात थीं। रणजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य दोषी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। जबकि अन्य चार दोषी कृष्ण कुमार , अवतार , जसवीर और सबदिल को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में प्रत्यक्ष रूप से पेश किया गया। इससे पहले साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाये जाने के बाद उसके समर्थकों ने जबरदस्त तांडव किया था। उस दौरान पंचकूला समेत कई जगहों पर दंगे , आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी और राम रहीम के समर्थकों ने बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया था। तब केवल पंचकूला में ही 36 लोग हिंसा में मारे गये थे।बताते चलें इस मामले में 12 अक्तूबर को ही सीबीआई कोर्ट को सजा सुनानी थी लेकिन दोषी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह की ओर से हिंदी भाषा में आठ पेज की अर्जी लिखकर सजा में रहम की अपील की गई थी। उसने अर्जी में अपनी बीमारियों और सामाजिक कार्यों का हवाला दिया था। इसके चलते कोर्ट ने 18 अक्टूबर तक के लिये फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि गुरमीत राम रहीम फिलहाल रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है। पंचकूला में विशेष सीबीआई कोर्ट ने 25 अगस्त , 2017 को उसे दो साध्वियों (महिला शिष्यों) से बलात्कार करने का दोषी ठहराया था और 20 साल की कैद की सजा सुनायी थी। इसी सीबीआई कोर्ट ने 17 जनवरी 2019 को सिरसा के पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के मामले में भी उसे उम्रकैद की सजा सुनायी थी। रंजीत सिंह हत्याकांड मामले में बीते आठ अक्तूबर को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के तहत दोषी करार दिया है। वहीं अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है।
गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र निवासी रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक़ राम रहीम को ऐसा लगता था कि उसके ख़िलाफ़ जारी किया गया वो पत्र, जिसमें साध्वियों से दुष्कर्म की बात लिखी थी , इसे जारी करने में रंजीत सिंह का हाथ था। इस मामले में 08 अक्टूबर को पंचकूला स्थित हरियाणा स्‍पेशल सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम , तत्कालीन डेरा प्रबंधक कृष्ण लाल , अवतार , जसबीर और सबदिल को दोषी करार दिया था। उल्लेखनीय है कि 10 जुलाई 2002 को रंजीत सिंह की उस समय हत्या हुई थी , जब वह अपने घर से कुछ ही दूरी पर जीटी रोड के साथ लगते अपने खेतों में नौकरों को चाय पिलाकर वापस घर जा रहे थे। हत्यारों ने अपनी गाड़ी जीटी रोड पर खड़ी रखी , वे धीरे से खेत से आ रहे रणजीत सिंह के पास पहुंचे और काफी नजदीक से उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था। गोलियां मारने के बाद हत्यारे फरार हो गये थे , हत्यारों में सबदिल सिंह , अवतार सिंह , इंद्रसेन और कृष्णलाल आरोपी थे। यह भी मालूम हुआ था कि रणजीत सिंह की हत्या करने के बाद हत्यारों ने इस्तेमाल किये गये हथियार डेरे में जाकर जमा करवा दिये ‌थे। रणजीत सिंह डेरा की उच्च स्तरीय प्रबंधन समिति का सदस्य था , वह डेरामुखी के काफी करीब माना जाता था।

Ravi sharma

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