ममता बनर्जी ने रिकॉर्ड मतों से जीती भवानीपुर की जंग

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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कोलकाता – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी परंपरागत हाईप्रोफाइल सीट भवानीपुर उपचुनाव में एक बार फिर बड़ी जीत का परचम लहराया है। उन्होंने भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल को 58832 से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी है। बंगाली अस्मिता के साथ चुनाव मैदान में उतरी ममता ने भाजपा के मंसूबे पर पानी फेर दिया।मुख्यमंत्री का पद बरकरार रखने के लिये इस महत्वपूर्ण उपचुनाव में ममता बनर्जी ने 58832 मतों से जीत हासिल कर नंदीग्राम में मिली हार का बदला ले लिया है। कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस का गढ़ भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र है , यही वजह है कि नंदीग्राम से हारने के बाद ममता बनर्जी ने इस सीट को चुना। इस सीट से ममता बनर्जी वर्ष 2011 और वर्ष 2016 में विधायक चुनी गई थी। पश्चिम बंगाल के कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर विधानसभा सीट मई में खाली कर दी थी , जिससे ममता बनर्जी के लिये उपचुनाव लड़ने का मार्ग प्रशस्त हुआ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने टीएमसी प्रमुख के खिलाफ प्रियंका टिबरेवाल को और माकपा ने श्रीजीब विश्वास को मैदान में उतारा था , जबकि कांग्रेस ने इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ा था। तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा की 294 सीटों में से 213 सीटें जीतकर विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज की थी जिसमें भाजपा को मात्र 77 सीटें मिली थीं।उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री ममता ने भवानीपुर के मतदाताओं को धन्यवाद दिया। ममता ने कहा कि जब बंगाल का चुनाव शुरू हुआ था, तब से हमारी पार्टी के खिलाफ बहुत षड़यंत्र हुआ था। केंद्र सरकार ने षड़यंत्र करके हम लोगों को हटाने का बंदोबस्त किया था, लेकिन मैं जनता की आभारी हूं कि जनता ने हमें जिताया। नंदीग्राम का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि वे वहां पार्टी के खिलाफ साजिश सहित कई कारणों से जीत हासिल नहीं कर सकीं थीं , अब भवानीपुर में मिली जीत से उनका उत्साह बढ़ा है। उन्होंने कहा मैं चुनाव आयोग की आभारी हूं कि उन्होंने समय पर चुनाव की घोषणा की। वहीं उनकी प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि हार को शालीनता से स्वीकार करती हूं। टिबरेवाल ने ममता बनर्जी को जीत की बधाई देते हुये कहा कि उन्होंने (ममता बनर्जी) ने किस तरह से जीत हासिल किया है , ये सबने देखा है। बताते चलें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव की मतगणना के लिये सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे। कोलकाता मतगणना परिसर के पास अर्धसैनिक बलों की 24 कंपनियां तैनात थीं। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) स्ट्रांग रूम में आठ सीसीटीवी कैमरे लगे थे। तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना केंद्रों के 200 मीटर के दायरे में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू थीं। पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर हुये उपचुनाव के नतीजे आने से पहले चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि उपचुनावों की मतगणना के दौरान या उसके बाद जीत का जश्न ना मनाया जाये और ना ही कोई जुलूस निकाले। कोरोना महामारी को देखते हुये आयोग ने ममता सरकार को पत्र लिखकर यह निर्देश दिया है। साथ ही आयोग ने इस पर भी नजर रखने को कहा है कि चुनाव के बाद हिंसा ना हो। इससे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद राज्य में व्यापक हिंसा और आगजनी हुई थी , भाजपा ने उस हिंसा के लिये टीएमसी समर्थकों पर आरोप लगाया था।

Ravi sharma

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