ममता बनर्जी ने तीसरी बार किया सीएम का पदभार ग्रहण-कोलकाता

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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कोलकाता — पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री के रूप में टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने आज तीसरी बार शपथ ले ली है। राज्य की लगातार तीसरी बार कमान संभालने वाली मममा बनर्जी के शपथ ग्रहण में कोरोना महामारी प्रकोप के मद्देनजर कम लोगों को ही आमंत्रित किया गया। राजभवन में सादे समारोह में महामहिम राज्यपाल जगदीश धनखड़ ने उनको पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। उनका शपथग्रहण समारोह कोरोना महामारी की वजह से बेहद सादा रहा। उनके शपथग्रहण समारोह में पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी , चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और पार्टी के वरिष्ठ नेता फिरहाद हाकिम सहित कई अन्य नेता भी शामिल हुये। बाकी विधायकों का शपथ ग्रहण गुरुवार और शुक्रवार को होगा। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोविड-19 महामारी की वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया। लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कोरोना से मुकाबला उनकी पहली प्राथमिकता है। उल्लेखनीय है कि ममता खुद नंदीग्राम से भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से अभी चुनाव हार चुकी हैं। चूकि अब ममता विधायक नहीं हैं और सीएम बन गयी हैं तो संविधान के मुताबिक उन्हें अगले छह महीने में विधायक का चुनाव जीतना होगा।शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद सीएम ममता बनर्जी राज्य सचिवालय पहुंची जहां उन्हें कोलकाता पुलिस द्वारा गार्ड आफ आनर दिया गया। बता दें कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने फिर से परचम लहराया है। चुनाव के वक्त जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने ताकत झोंकी थी तो उससे ऐसा लग रहा था कि बंगाल में इस बार मुकाबला फंस सकता है , मगर यहां कि नतीजों ने हर किसी को चौंका दिया। भाजपा के बड़े बड़े धुरंधरों के धुंआधार प्रचार के बावजूद पार्टी 100 के आंकड़े को भी पार नहीं कर सकी और ममता बनर्जी की रणनीति के आगे भाजपा के सभी धुरंधर पस्त हो गये। बंगाल की 292 विधानसभा सीटों के नतीजे में सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने 213 सीटें हासिल की हैं। वहीं भाजपा ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि अन्य के खाते में दो सीटें आई हैं , इसके अलावा लेफ्ट और कांग्रेस का तो सूपड़ा ही साफ हो गया है।
गौरतलब है कि तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी सबसे पहले वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री बनी थीं , तब उन्होंने बंगाल में 34 साल से काबिज लेफ्ट का सफाया कर दिया था जिसके बाद 2012 में टाइम मैग्जीन ने उन्हें दुनियां की 100 प्रभावशाली हस्तियों की लिस्ट में जगह दी थी। इसके बाद वर्ष 2016 में ममता दूसरी बार सीएम बनीं थी और आज पुन: तीसरी बार मुख्यमंत्री की कमान सम्हाली। तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी का जन्म 05 जनवरी 1955 को कोलकाता के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। ममता बनर्जी ने जोगमाया डिग्री काॅलेज से परास्नातक किया। छात्र जीवन में ही सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने वाली ममता बनर्जी ने पहला लोकसभा चुनाव वर्ष 1984 में जाधवपुर से लड़ा था। यूथ कांग्रेस से राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाली ममता बनर्जी का राजनैतिक जीवन काफी उतार चढ़ाव वाला रहा। वर्ष 1989 में वह लोकसभा चुनाव हार गई लेकिन वर्ष 1991 में उनको फिर जीत मिल गई। कांग्रेस की फायर ब्रांड महिला नेत्री ममता बनर्जी ने वर्ष 1997 में कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस का गठन किया। इसके बाद वह पूरी तरह पश्चिम बंगाल की राजनीति में फोकस करने लगी। हालांकि, टीएमसी बनाने के बाद वे दो बार रेल मंत्री बनीं। लेकिन वह बंगाल के वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ लगातार आवाज बुलंद करती रही। ममता को उन्‍हें देश की पहली महिला रेलमंत्री बनने का गौरव प्राप्‍त है। ममता ने अपने राजनीतिक केरियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। लेकिन मतभेद के चलते वर्ष 1997 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और अगले ही साल 01 जनवरी 1998 को तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की। उसके बाद ममता ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को समर्थन दिया और रेल मंत्री बनीं। उसके बाद उन्होंने यूपीए सरकार को भी समर्थन दिया। हालांकि वर्ष 2009 में उन्होंने यूपीए से खुद को अलग कर लिया था। सिंगूर व नंदीग्राम आंदोलन की अगुवाई करने की वजह से ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल की जनता ने हाथो हाथ लिया। वे वर्ष 1996 , 1998 , 1999 , 2004 और वर्ष 2009 में कोलकाता दक्षिण सीट से लोकसभा सदस्य भी रह चुकी हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा का धरना
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कोलकाता राजभवन में जहां एक तरफ सादे समारोह में ममता बनर्जी ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, वहीं दूसरी तरफ ठीक उसी समय भाजपा के विधायकों ने जेपी नड्डा की उपस्थिति में बंगाल में हो रही हिस्सा के खिलाफ शपथ ली। पश्चिम बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद राजनीतिक हिंसा का दौर भी शुरू हो गया है। बंगाल में जगह जगह खुलेआम गुंडागर्दी देखी जा रही है। तमाम जिलों से लूटपाट , तोड़फोड़ और आगजनी के साथ कुछ हत्या की भी खबरें सामने आयी हैं। इस राजनीतिक हिंसा के खिलाफ बीजेपी भी आज देशव्यापी धरना-प्रदर्शन कर रही है। कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिये खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल में हैं।

Ravi sharma

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