भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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भोपाल – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति मिलने के बाद मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर शहर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का नोटिफ‍िकेशन जारी कर दिया गया है। बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले महीने 21 नवंबर को भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की घोषणा की थी प्रदेश के गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा भोपाल के पुलिस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुये बताया कि भोपाल में जहां 38 शहरी पुलिस थानों को पुलिस कमिश्नर के अधीन किया गया है तो इंदौर में 36 शहरी थाने पुलिस कमिश्नर के अधीन रहेंगे। दोनों जिलों के ग्रामीण थानों को पुलिस कमिश्नर से अलग रखा गया है और वहां पुलिस अधीक्षक स्तर के आईपीएस अधिकारी की पृथक से तैनाती रहेगी। भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर के नीचे दो-दो आईजी स्तर के अधिकारी होंगे जो अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर होंगे और आठ-आठ पुलिस अधीक्षक स्तर के आईपीएस अधिकारी होंगे जो डिप्टी पुलिस कमिश्नर कहलायेंगे। इनके बाद भोपाल में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के 10 तो इंदौर 13 एएसपी स्तर के अधिकारी असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर होंगे और उप पुलिस अधीक्षक स्तर के 20 अधिकारी भोपाल व इंदौर में 30 अधिकारी होंगे। भोपाल और इंदौर में लागू हुये पुलिस कमिश्नर सिस्टम में पुलिस को नौ अधिनियमों के अधिकार मिलेंगे। जिनमें प्रतिबंधात्मक कार्रवाई में 107-116 सहित रासुका , धारा 144 व 133 के अधिकार भी मिलेंगे। साथ ही मोटरयान अधिनियम , पुलिस एक्ट , राज्य सुरक्षा अधिनियम , प्रिजनर एक्ट, अऩैतिक , शासकीय गोपनीय अधिनियम जैसे कानून के अधिकार मिलेंगे। भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस के पास तमाम आधिकारिक शक्तियां आ जायेंगी।  मुंबई की तर्ज पर यहाँ क्राइम ब्रांच , ट्रैफिक के लिये अलग-अलग डीसीपी नियुक्ति होंगे। इसके तहत पुलिस खुद कई फैसले ले सकेंगी और उन्हें कलेक्टर की अनुमति नहीं मांगनी पड़ेगी। पुलिस कमिश्नर को मजिस्ट्रेट की पावर मिल जायेगी , पुलिस खुद सही गलत पर अपना निर्णय लेगी। दंगे-फसादों के समय लाठी चार्ज की अनुमति कलेक्टर से नहीं लेनी पड़ेगी , जमीनी सम्बन्धी विवाद भी पुलिस ही सुलझायेगी। ट्रैफिक व्यवस्थाओं को सुद्रण करने के लिये ‘ट्रैफिक डीसीपी नियुक्त होंगे , जो ट्रैफिक व्यवस्थाओं पर निर्णय लेंगे। सीमित क्षेत्रों में धारा 144 लागू करने का अधिकार होगा। धरना प्रदर्शन और रैलियां निकालने के लिये अनुमति अब पुलिस देगी। प्रतिबंधात्मक धाराओं में गिरफ्तार आरोपियों की जमानत पुलिस की कोर्ट से होगी और जेल से जुड़े निर्णय भी पुलिस खुद लेगी। जानकारी के मुताबिक दिल्ली , उत्तरप्रदेश , तेलंगाना , तमिलनाडु , महाराष्ट्र , आंध्रप्रदेश , कर्नाटक , गुजरात , राजस्थान , पश्चिम बंगाल , पंजाब , केरल , आसाम , हरियाणा , नागालैंड , ओड़िसा के कई शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। इनमें डीजी से लेकर एसपी स्तर तक के अधिकारियों को पुलिस कमिश्नर के पद पर पदस्थ किया जाता है। दिल्ली , मुम्बई और बंगलुरू में डीजी स्तर के पुलिस कमिश्नर प्रणाली है ,जबकि चेन्नई और कोलकाता में सबसे पुरानी पुलिस आयुक्त प्रणाली होने के बाद भी यहां अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुलिस कमिश्नर बनाये जाते रहे हैं।

Ravi sharma

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