भारत की सबसे खतरनाक मिसाइल ब्रह्मोस का हुआ सफल परीक्षण-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — भारत ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस परीक्षण के दौरान इस मिसाइल ने सीधे अपने लक्ष्य पर सफलतापूर्वक निशाना साधते हुये दूसरे द्वीप पर स्थित लक्ष्य को सफलतापूर्वक मार गिराया। इस सफल परीक्षण के बाद भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन को बधाईयाँ मिल रही है। सिस्टम वाली ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज को 400 किलोमीटर तक बढ़ाया गया है। अर्थात अब यह मिसाइल 400 किलोमीटर के दायरे में शत्रु को ध्वस्त कर देगी। अभी तक इस मिसाइल की रेंज 298 किलोमीटर थी। इस मिसाइल को भारतीय सेना, डीआरडीओ और रूस ने मिलकर बनाया है। इस सफल परीक्षण से भारतीय सैन्य ताकत को तेजी से मार करने वाली और बढ़ी हुई रेंज से मारने वाली मिसाइल मिली हैं। वहीं सफल प्रक्षेपण के बाद भारत की तीनों सेनाओं के बेड़े में ऐसी-ऐसी मिसाइलें हो जायेंगी, जो दुश्‍मन को संभलने का मौका भी नहीं देंगी।

ब्रह्मोस की खासियत
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यह ब्रह्मोस मिसाइल 28 फीट लंबी और 3000 किलोग्राम वजनी है। मिसाइल 200 किलोग्राम के पारंपरिक और परमाणु हथियार लेकर जाने में सक्षम है। यह मिसाइल 300 किलोमीटर से 800 किलोमीटर तक की दूरी पर बैठे दुश्मन पर अचूक निशाना लगाने में खासी तैयार है। इसकी गति इसकी सबसे बड़ी खासियत है जो इसे सबसे ज्यादा घातक बनाती है। यह 4300 किलोमीटर प्रतिघंटा यानी 1.20 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से हमला करने में सक्षम है। इसके छूटने के बाद दुश्मन को हमला करने का मौका ही नहीं मिलेगा।

2019 में हुआ था परीक्षण
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इससे पहले सितंबर 2019 में इसी मिसाइल के 290 किमी तक मार करने की क्षमता वाले वर्जन का डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन डीआरडीओ ने सफल परीक्षण किया था। इस नये वर्जन का डीआरडीओ ने परीक्षण पीजे-10 प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। वहीं इस मिसाइल का पहला वर्जन जो जमीन पर मार करने में सक्षम थी उसका पहला ही परिक्षण हो चुका है। पहली मिसाइल का परीक्षण 11 मार्च 2017 को किया गया था। ये जमीन पर लंबी दूरी तक मार कर सकती है। ये मिसाइल 490 किमी दूर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। डीआरडीओ ने सितंबर में 290 किमी तक दूरी वार करने वाली ब्रह्मोस का ओडिशा के चांदीपुर टेस्ट रेंज में परीक्षण किया गया था।

कई नये रूपों में आयेगी ब्रह्मोस
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ज्यादा रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल पर रूस और भारत काम कर रहे हैं. इस अपग्रेड को पहले से बनी मिसाइलों में भी लागू किया जायेगा। ब्रह्मोस-II के नाम से एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी बनायी जा रही है जिसकी रेंज करीब 290 किलोमीटर होगी। यह मिसाइल मैक 8 की रफ्तार से उड़ेगी यानि अभी के लगभग दोगुना , यह दुनियाँ की सबसे तेज हाइपरसोनिक मिसाइल होगी। इसके अलावा ब्रह्मोस-एनजी (नेक्‍स्‍ट जेनरेशन) जो कि वर्तमान मिसाइल का एक मिनी वर्जन है, विकसित की जा रही है। इसमें रडार क्रॉस सेक्‍शन भी कम होंगे जिससे दुश्‍मन के एयर डिफेंस सिस्‍टम के लिये इसका पता लगा पाना और मुश्किल हो जायेगा। इस मिसाइल को सुखोई, मिग, तेजस के अलावा राफेल व अन्‍य लड़ाकू विमानों के साथ जोड़ा जायेगा।

अपनी ताकत बढ़ा रहा भारत
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गौरतलब है कि भारत चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच अपनी ताकत में इजाफा करने में जुटा हुआ है। भारत लगातार क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है। जिसमें उसे सफलता भी मिल रही है। पहले जितने परीक्षण पूरे साल में हुआ करते थे, उससे ज्यादा परीक्षण गत दो से तीन माह के भीतर हो चुके हैं।

Ravi sharma

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