भारत और नेपाल के प्रधानमंत्री ने की दोनों देशों के बीच रेल सेवा की शुरूआत

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
➖➖➖➖➖➖➖➖
नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा द्वारा आज हैदराबाद हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर नव आमान परिवर्तित जयनगर-कुर्था रेल खंड पर रेल यात्री सेवा का शुभारंभ किया गया। पीएम
मोदी ने कहा इस रेल सेवा के शुरू होने से दोनों देशों के बीच निकटता आयेगी। ये परियोजना इस क्षेत्र के विकास के लिये गेम चेंजर सिद्ध होगा। भारत और नेपाल के बीच शुरू हुई ये रेल सेवा कुल 34.9 किलोमीटर लम्बी होगी। रेलवे के अनुसार जयनगर से कुर्था की इस यात्रा के बीच कुल नौ स्टॉप पड़ेंगे। बिहार के जयनगर से ट्रेन चलने के बाद इनरवा , खजुरी , महिनाथपुर , वैदही , परवाहा , जनकपुर और जनकपुर से कुर्था के रूट पर ट्रेन का संचालन होगा। माना जा रहा है कि यह परियोजना दोनों देशों के लिये मील का पत्थर साबित होगी। दरअसल भारत के जयनगर और नेपाल के बैजलपुर के बीच नैरो गेज पर ट्रेनों का परिचालन वर्ष 1937 में शुरू हुआ था । वर्ष 2001 में नेपाल में आई भीषण बाढ़ के चलते कुछ रेल पुल बह गये और नेपाल में जनकपुर से आगे ट्रेन सेवा बंद करनी पड़ी थी। वहीं जनकपुर से जयनगर के बीच मार्च 2014 तक ट्रेनों का परिचालन होता रहा था। वहीं डीआरएम आलोक अग्रवाल ने बताया कि शनिवार (02 अप्रैल) को उद्घाटन के बाद रेलवे कर्मचारियों और कई बड़े अधिकारियों को लेकर ट्रेन कुर्था के लिये रवाना हो गई और रविवार से यात्रियों के लिये ट्रेन का संचालन शुरू हो जायेगा। रेल्वे ने उन पहचान पत्रों की लिस्ट जारी की है , जो इस रेल लाइन से यात्रा करने वालों के लिये जरूरी होंगे। जिसमें वैलिड पासपोर्ट
भारत सरकार/राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश से जारी फोटो परिचय पत्र , भारतीय चुनाव आयोग से जारी वोटर कार्ड , नेपाल में इंडियन कांसुलेट जनरल से जारी इमरजेंसी सर्टिफिकेट/आइडेंटिटी सर्टिफिकेट। इसके अलावा 65 साल से अधिक और 15 साल से कम उम्र के लोगों के पास फोटो आईडी कार्ड जैसे- पैन कार्ड/ ड्राइविंग लाइसेंस/ सीजीएचएस कार्ड/ राशन कार्ड होने चाहिये। खास बात ये है कि ट्रेन में सिर्फ भारतीय और नेपाली यात्री ही सफर कर सकेंगे। रेलवे बोर्ड ने इसके लिये एक एसओपी जारी किया है, जिसमें दूसरे देशों के नागरिकों को ट्रेन में सफर करने की अनुमति नहीं दी गई है।
गौरतलब है कि नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा अपने तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। अपने भारत दौरा के दूसरे दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से नेपाल में रूपे लांच कर भारत सरकार की क्रेडिट लाइन के तहत निर्मित नेपाल में सोलू कारिडोर 132 केवी पावर ट्रांसमिशन लाइन और सब स्टेशन का उद्घाटन किया। इस दौरान भारत-नेपाल ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिये मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया। इसके अलावा दोनों पक्षों ने रेलवे और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिये चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये। द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान भी जारी किया। इस अवसर पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीएम देउबा और मैंने व्यापार और सभी प्रकार से सीमा पार संपर्क पहल को प्राथमिकता देने पर भी सहमती जतायी है। जयनगर-कुर्था रेल लाइन की शुरुआत इसी का एक भाग है। दोनों देशों के लोगों के बीच सुगम, बाधारहित आदान-प्रदान के लिये ऐसी योजनायें बेहतरीन योगदान देंगी। पीएम मोदी ने कहा कि नेपाल में रूपे कार्ड की शुरुआत हमारी आर्थिक संपर्कता में एक नया अध्याय जोड़ेगी। अन्य प्रोजेक्ट जैसे नेपाल पुलिस एकेडमी , नेपालगंज में इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट , रामायण सर्किट आदि भी दोनों देशों को और करीब लायेंगे। मुझे इस बात की विशेष प्रसन्नता है कि नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सोलर गठबंधन का सदस्य बन गया है। इससे हमारे क्षेत्र में टिकाऊ , सस्ती और साफ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि विद्युत सहयोग पर हमारा ज्वाइंट विजन स्टेटमेंट भविष्य में सहयोग का ब्लूप्रिंट साबित होगा। हमने पंचेश्वर परियोजना में तेज गति से आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया है। हमने भारतीय कंपनियों द्वारा नेपाल के हाइड्रोपावर विकास योजनाओं में और अधिक भागीदारी के विषय पर भी सहमती व्यक्त की। पीएम मोदी ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि नेपाल अपनी अतिरिक्त बिजली भारत को निर्यात कर रहा है। इसका नेपाल की आर्थिक प्रगति में अच्छा योगदान रहेगा। भारत और नेपाल की दोस्ती , हमारे लोगों के आपसी संबंध , ऐसी मिसाल विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलती। हमारी सभ्यता , हमारी संस्कृति , हमारे आदान-प्रदान के धागे, प्राचीन काल से जुड़े हुये हैं। अनादिकाल से हम एक-दूसरे के सुख-दुःख के साथी रहे हैं। पीएम
मोदी ने कहा आज हमने इस बात पर भी चर्चा की कि भारत और नेपाल की खुली सीमाओं का अवांछित तत्वों द्वारा दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिये। हमने अपने रक्षा और सुरक्षा संस्थानों के बीच घनिष्ठ सहयोग बनाये रखने पर भी जोर दिया। मुझे विश्वास है कि आज की हमारी बातचीत भारत-नेपाल संबंधों के भविष्य के लिये महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने में काफी मददगार साबित होगी। वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने कहा कि जैसा कि पीएम मोदी ने उल्लेख किया है , हमने भारत-नेपाल संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर मैत्रीपूर्ण बातचीत और उपयोगी चर्चा की।उन्होंने कहा है कि भारत के साथ सीमा विवाद जल्द ही बातचीत से सुलझा लिया जायेगा। हमने प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा की है और आगे बातचीत जारी रखने का प्रस्ताव दिया है। पत्रकारों से देउबा ने कहा कि बॉर्डर इलाके में विकास कार्यों में गति लाने के साथ-साथ रामायण सर्किट के काम पर भी मोदी से चर्चा हुई है। हमने अपने मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने पर अपने दृष्टिकोण साझा किये। मैं उस प्रगति की प्रशंसा करता हूं जो भारत पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में कर रहा है। हमने भारत के प्रभावी प्रबंधन को कोविड-19 से जूझते देखा है और भारत से प्राथमिक वैक्सीन सहायता के साथ-साथ कोविड से निपटने के लिये दवायें , चिकित्सा उपकरण और रसद प्राप्त की है। मैं वास्तव में नेपाल और नेपाली लोगों के लिये आपके प्यार और स्नेह की प्रशंसा करता हूं और मेरी आज की यात्रा इन सहज भावनाओं को और आगे बढ़ायेगी।

Ravi sharma

Learn More →