प्रधानमंत्री सात सितंबर को शिक्षा सम्मेलन को करेंगे संबोधित-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली –प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिये मनाये जा रहे शिक्षा पर्व (शिक्षा सम्मेलन) के दौरान सात सितंबर को पूर्वाह्न ग्यारह बजे शिक्षकों , छात्रों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को संबोधित करेंगे। इस दौरान वे स्कूल शिक्षा विभाग की पांच पहलों की भी शुरुआत करेंगे। जिनमें 10,000 शब्दों का भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश , टॉकिंग बुक्स (दृष्टिबाधितों के लिये ऑडियो बुक) , सीबीएसई का स्कूल गुणवत्ता आकलन और मान्यता ढांचा (एसक्यूएएएफ) , निपुण भारत के लिये शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्कूलों विकास के लिये शिक्षा स्वयंसेवियों , दाताओं और ‘सीएसआर’ दानकर्ताओं की सुविधा के लिये विद्यांजलि पोर्टल शामिल है।इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान और शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी , सुभाष सरकार तथा राजकुमार रंजन सिंह भी शामिल होंगे। उद्घाटन सम्मेलन के बाद 17 सितंबर तक वेबिनार , संगोष्ठियों आदि का आयोजन किया जायेगा जिनमें देश के विभिन्न स्कूलों के शिक्षाविदों को भी अपने अनुभव साझा करने के लिये आमंत्रित किया गया है। बताते चलें शिक्षा मंत्रालय शिक्षकों के अमूल्य योगदान को मान्यता देने और नयी शिक्षा नीति 2020 को आगे बढ़ाने के लिये 05 सितंबर से 17 सितंबर के बीच शिक्षक पर्व मना रहा है। वर्ष 2021 के लिये जिला , राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्तरीय चयन प्रक्रिया के बाद ऑनलाइन स्व-नामांकन प्रक्रिया का पालन किया गया था। इस बार राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये देश भर के 44 शिक्षकों का चयन किया गया है। इन शिक्षकों को 05 सितंबर यानि शिक्षक दिवस के मौके पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा कोविड -19 स्थिति के कारण वर्चुअल सम्मानित किया जायेगा। शिक्षकों में झारखंड , बिहार , बंगाल , ओड़िशा , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश , पंजाब , दिल्ली , राजस्थान , गुजरात , मध्यप्रदेश , जम्मू-कश्मीर , लद्दाख , उत्तरप्रदेश , छत्तीसगढ़ , नागालैंड , अरुणाचल प्रदेश , मणिपुर , सिक्किम , मिजोरम , त्रिपुरा , आसाम , झारखंड , केरल , आंध्रप्रदेश , तेलंगाना , कर्नाटक , तमिलनाडु , महाराष्ट्र और पुडुचेरी के शिक्षक शामिल हैं। इन सभी पुरस्कार विजेताओं में से प्रत्येक पर एक वृत्तचित्र फिल्म भी दिखायी जायेगी। गौरतलब है कि पहली बार वर्ष 1958 में युवाओं के दिमाग के साथ-साथ भविष्य को आकार देने में शिक्षकों की उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता को पहचानने के लिये राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार की शुरुआत की गई थी।

Ravi sharma

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