प्रधानमंत्री ने किया प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – केरल-कर्नाटक के लोगों के लिये आज का दिन काफी अहम है , इस पाइपलाइन के जरिये दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। ये इस बात का उदाहरण है कि विकास को प्राथमिकता देते हुये सभी मिलकर काम करें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं होगा।
उक्त उद्गार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कोच्चि से मंगलुरू तक बनी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के उद्घाटन के अवसर पर कही। उन्होंने आगे कहा कि आज देश में वन नेशन-वन गैस ग्रिड पर काम हो रहा है , गैस इकॉनोमी खड़ा करना आज की जरूरत है। आज जिस पाइपलाइन की शुरुआत हो रही है उससे दोनों राज्यों के लोगों की ईज ऑफ लिविंग को बढ़िया करेगी, साथ ही उद्योगों के खर्च में कटौती भी लायेगी। पीएम मोदी ने कहा कि पाइपलाइन के निर्माण के दौरान 12 लाख मानवीय घंटे का रोजगार बना। पाइपलाइन बनने के बाद भी अब रोजगार के क्षेत्र में फायदा मिलेगा। भारत क्लाइमेट चेंज को लेकर सबसे बेहतर काम कर रहा है। दुनियाँ ने भी इस बात को माना है. आज हिंदुस्तान डिजिटल, गैस, हाइवे, आईवे कनेक्टविटी पर जोर दिया जा रहा है। पीएम ने कहा कि उज्ज्वला योजना जैसी स्कीम से देश में आठ करोड़ परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंँचा। कोरोना काल में देश में रसोई गैस की किल्लत कभी नहीं हुई, हमने करीब बारह करोड़ मुफ्त सिलेंडर उपलब्ध कराये। पीएम मोदी ने बताया कि पहली अंतर्राज्यीय पाइपलाइन 1987 में कमीशन हुई थी। वर्ष 2014 तक देश में 15 हजार किमी. नैचुरल पाइपलाइन बनी. लेकिन आज देश में 16 हजार किमी. पाइपलाइन पर काम चल रहा है जो अगले पांँच साल में पूरा हो जायेगा। वर्ष 2014 तक देश में सीएनजी स्टेशनों की संख्या 900 तक ही थी, लेकिन पिछले 06 साल में 1500 नये स्टेशन बने हैं। अब देश में सीएनजी स्टेशन की संख्या को दस हजार करने का लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देश को एक नई सौगात देते हुये कोच्चि से मंगलुरु तक बनी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया। यह कोच्चि में तरलीकृत प्राकृतिक गैस टर्मिनल से मंगलुरू तक ले जायेगा।इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा , केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के अलावा केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल थे। पीएम कार्यालय के मुताबिक यह “एक देश , एक गैस ग्रिड” के निर्माण में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस पूरी पाइपलाइन की लंबाई करीब 450 किमी. है, जिससे कई जिलों को सीधे लाभ मिलने जा रहा है। इस पाइपलाइन का निर्माण गेल (भारत) ने किया है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये पाइपलाइन एर्णाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कन्नूर और कासरगोड जिले से निकलेगी। ये पाइपलाइन जिन जिलों से गुजरेगी वहां व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों को प्राकृतिक गैस की सुविधा मिल पायेगी। इसके साथ ही स्वच्छ ईंधन के उपभोग से वायु प्रदूषण कम होगा, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार आयेगा। इसके जरिये पीएनजी, सीएनजी सेक्टर को सीधा लाभ मिल सकेगा।

परियोजना की लागत
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परियोजना की पूरी लागत करीब 3000 करोड़ रुपये है और इसके निर्माण से 12 लाख रोजगार का सृजन हुआ। यह पाइपलाइन बिछाना एक इंजिनियरिंग चुनौती थी क्योंकि पाइपलाइन की रास्ते के कारण सौ से ज्यादा जगहों पर जल निकायों को पार करना आवश्यक था। यह क्षैतिज दिशात्मक ड्रिलिंग के माध्यम से किया गया था। इस पाइपलाइन से पर्यावरण हितैषी और सस्ता ईंधन घरों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के रूप में मिलेगा और परिवहन क्षेत्र को कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) मिलेगी।

वायु प्रदूषण होगा कम
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अधिकारिक बयान के मुताबिक इस पाइपलाइन से पर्यावरण हितैषी और सस्ता ईंधन घरों में पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) के रूप में मिलेगा और परिवहन क्षेत्र को कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) मिलेगी। यह पाइपलाइन जिन जिलों से गुजरेगी वहां व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों को प्राकृतिक गैस मिलेगी।
यह पाइपलाइन जिलों में वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाईयों को प्राकृतिक गैस का आपूर्ति भी करेगा।
वहीं स्वच्छ ईंधन के उपभोग से वायु प्रदूषण कम होगा, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार आयेगा। स्वच्छ ईंधन की खपत से वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाकर वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिलेगी।

Ravi sharma

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