पंचतत्व में विलीन हुई ग्रेट खली की मां -सिरमौर

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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सिरमौर –हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले प्रसिद्ध डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर और विश्व चैंपियन द ग्रेट खली की मां टंडी देवी (75 वर्षीया) का पंजाब के लुधियाना डीएमसी अस्पताल में निधन हो गया। वे लम्बे समय से दिल और फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहीं थीं। पहलवान द ग्रेट खली उर्फ दलीप सिंह की मां को 12 जून की शाम दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) में भर्ती कराया गया था। खली उनको अस्पताल लेकर पहुंचे थे। अस्पताल में भर्ती कराये जाने के बाद उनका कोरोना टेस्ट किया गया था , उनकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव आयी थी लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था।मां के इलाज के दौरान खली यहीं अस्पताल में ही रहे। अपनी मां का पार्थिव शरीर लेकर वे सिरमौर जिले के पैतृक ग्राम शिलाई उपमंडल के धिराइना नैनीधार पहुंचे। जहां आज दोपहर उनका अंतिम संस्कार किया गया। खली की मां के निधन पर राजनीति से लेकर खेल जगत एवं रेसलिंग की कई हस्तियों ने दुख जताया है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खली की माता पिछले काफी दिनों से बीमार चल रही थी। जिस वजह से वे लुधियाना के एक अस्पताल में उपचाराधीन थी। बताया जा रहा है कि वे सांस लेने की दिक्कत के साथ-साथ किडनी की समस्या से भी जूझ रही थीं। इसी के चलते द ग्रेट खली की मां ने इस दुनियां को अलविदा कह दिया। अपनी मां के उपचार के दौरान खली दिन-रात एक कर उनकी सेवा में लगे हुये थे।

फिर यही गोद मिले – खली
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अपनी मां के निधन पर द ग्रेट खली ने पत्रकारों से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि मैं चाहता हूँ कि फिर यही गोद मिले फिर यही मां मिले। इतना कहकर खली भावुक हो गये।गौरतलब है कि खली के सात भाई तथा एक बहन है। माता टंडी देवी व पिता जवालु राम धिराइना गांव में ही अपने बेटे भगत राणा के साथ रहते थे। डब्ल्यूडब्ल्यूई विश्व चैंपियन बनने के बाद द ग्रेट खली उर्फ दलीप सिंह राणा अपने माता पिता को एक बार अपने साथ अमेरिका भी लेकर गये थे। जहां पर कुछ महीने बिताने के बाद वे उनको वापस गांव छोड़ गये थे। द ग्रेट खली को उनके माता-पिता ने आर्थिक तंगी को झेलते हुये पाला था। खली के परिवार ने ऐसा भी दौर देखा है जब उनके गरीब माता-पिता ढाई रुपये फीस नहीं भर सके थे , जिसकी वजह से उन्हें स्कूल से बाहर कर दिया गया था। इतना ही नहीं उन्हें आठ साल की उम्र में पांच रुपये रोजाना कमाने के लिये गांव में माली की नौकरी भी करनी पड़ी थी।  ग्रेट खली का बचपन काफी गरीबी में गुजरा था। वे काफी मुश्किल से पढ़ लिखकर पंजाब पुलिस में भर्ती हुये थे , इसके बाद रेसलिंग में उतरे व विश्‍व स्‍तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुये पूरी दुनियां में खूब नाम कमाया।उन्होंने वर्ल्ड हैवीवेट चैम्पियनशिप भी जीती। वह चार हॉलीवुड फिल्मों और दो बॉलीवुड फिल्मों में भी नजर आ चुके हैं। उन्हें 2021 वर्ग के हिस्से के रूप में डब्ल्यूडब्ल्यूई हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था।

इकलौते वर्ल्‍ड हैवीवेट चैंपियन हैं खली
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खली भारत के इकलौते वर्ल्‍ड हैवीवेट चैंपियन हैं , वे भारत की शान माने जाते हैं जो विदेशों में भी काफी मशहूर हैं। करीब सात फुट एक इंच लम्बे खली प्रोफेशनल रेसलर और लिफ्टर हैं। वे हॉलीवुड व बॉलीवुड फिल्मों में कार्य कर चुके हैं। खली ने कई बार अंडरटेकर और बिग शो जैसे पहलवानों को धूल चटायी है।

Ravi sharma

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