नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर रचा इतिहास

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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टोक्यो — भाला पिचकारी (एथलेटिक्स जवेलिन थ्रो) नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक (टोक्यो ओलंपिक) में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया है। वे देश के लिये व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी और पहले एथलीट हैं। भारत को ओलंपिक के 125 साल के इतिहास में पहली बार एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल मिला है। वे भारत के लिये व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले महज दूसरे खिलाड़ी हैं। शूटर अभिनव बिंद्रा ने वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल जीता था और अब तेरह साल बाल नीरज चोपड़ा ने इस करिश्मे को अंजाम दिया है। नीरज ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद तिरंगा लेकर मैदान का चक्कर लगाया और इसका जश्न मनाया। नीरज के गोल्ड जीतने के बाद पूरा देश खुशियां मना रहा है , उनके घर के बाहर जश्न का माहौल है और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। फाइनल राउंड में नीरज के आसपास भी कोई खिलाड़ी नहीं देखने को मिला। इस स्पर्धा के पहले थ्रो में नीरज ने जहां 87.3 मीटर तक थ्रो फेंक कर नंबर एक पोजीशन बना ली थी। वहीं दूसरे थ्रो में उन्होंने इससे भी ज्यादा 87.58 मीटर तक थ्रो फेंक कर अपनी स्वर्ण पदक की पकड़ को और मजबूत किया।  हालांकि तीसरा थ्रो उनका खास नहीं रहा और चौथे अटेम्पट में उन्होंने फाउल कर दिया था। नीरज की इस उपलब्धि पर महामहिम राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री सहित कई दिग्गज नेताओं ने उन्हें बधाई दी है वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नीरज को छह करोड़ रूपये और क्लास वन की नौकरी के ईनाम की घोषणा की है। भारत ने लंदन ओलंपिक के अपने छह मेडल के रिकॉर्ड को तोड़ते हुये टोक्यो में सात मेडल जीत लिये हैं। भारत ने अब तक टोक्यो ओलिंपिक में एक गोल्ड , दो रजत और चार कांस्य सहित कुल सात पदक जीत लिये हैं। नीरज के गोल्ड के अलावा पीवी सिंधु और मीराबाई चानू ने सिल्वर जीता तो बजरंग पूनिया , रवि दहिया , लवलीना बोरगेहेन और भारतीय मेंस हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता। इससे पहले वर्ष 2012 लंदन ओलिंपिक में भारत ने छह मेडल अपने नाम किये थे। 60 पुरुष और 23 महिला एथलीटों के साथ कुल 83 एथलीटों के दल ने दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज अपने नाम किये थे। शूटर विजय कुमार और पहलवान सुशील कुमार ने एक-एक सिल्वर , शूटर गगन नारंग और भारतीय शटलर साइना नेहवाल , मुक्केबाज मेरी कॉम और पहलवान योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक जीता था। अभी का मेडल ओलंपिक इतिहास में भारत का दसवां गोल्ड मेडल है। इससे पहले भारत ने आठ गोल्ड हॉकी में ( वर्ष1928 ,1932 ,1936 ,1948 ,1952 ,1956 ,1964 ,1980), एक शूटिंग (2008) और अब एक जैवलिन थ्रो में अपने नाम कर लिया है।
गौरतलब है कि नीरज का जन्म 24 दिसंबर 1997 को पानीपत हरियाणा में हुआ। इनके पिता सतीष कुमार कृषक हैं जबकि माता सरोज देवी गृहिणी है। इनकी शिक्षा डीएव्ही विद्यालय चंडीगढ़ से हुई है। इससे पहले उन्हें एथलेटिक्स में अर्जुन पुरस्कार मिला है। हरियाणा की मिट्टी में पले-बढ़े नीरज दूध-घी के शौकीन थे। वजन जब बेकाबू होने लगा तो घरवालों ने जबरदस्ती उन्हें मैदान भेजा। फिटनेस पाने के लिये पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में पहुंचे , मैदान पर उम्र से बड़े लड़कों को भाला फेंकते देखा तो मन में इच्छा जागी। फिटनेस सुधरी तो जैवलीन पर भी हाथ आजमाया। सीनियर्स को उनकी ताकत और नैसर्गिक प्रतिभा पसंद आ गई।

Ravi sharma

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