नास्काम फोरम में पीएम मोदी ने की आईटी इंडस्ट्री की सराहना-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नास्काम) के टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम (एनटीएलएफ) को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने भारतीय आईटी इंडस्ट्री की भूमिका की सराहना करते हुये कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पूरे सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा की। इस मौके पर उन्होंने भारत के युवाओं की प्रतिभा को सलाम करते हुये कहा कि देश में कोरोना काल में भी सुधार का सिलसिला जारी रहा। पीएम ने कहा कि स्टार्टअप फाउंडर्स को सिर्फ वैल्यूशंस पर फोकस करने की बजाय इंस्टीट्यूशंस तैयार करने पर भी विचार करना चाहिये। उन्होंने आगे कहा कि यह एक ऐसा समय है जब दुनियां भारत की तरफ अधिक भरोसे और उम्मीद से देख रही है। कोरोना के दौरान भारत के ज्ञान-विज्ञान और तकनीकी ने ना सिर्फ खुद को साबित किया है बल्कि खुद को इवॉल्व भी किया है। एक समय था जब भारत स्माल पॉक्स के टीके आयात किये जाते थे और एक समय यह है कि भारत दुनियां के कई देशों को टीके निर्यात कर रहा है। भारत ने कोरोना के खिलाफ जबरदस्त जंग लड़ी है , पूरे विश्व में भारतीयों का दबदबा बढ़ा है यह एक सकारात्मक कदम है।पीएम मोदी ने कहा कि आईटी उद्योग की सबसे बड़ी ताकत भारत की विशाल जनसंख्या है और यहां के लोगों द्वारा नया समाधान अपनाने की इच्छा है। स्टार्टअप फाउंडर्स को इस पर विचार करना चाहिये कि किस तरह वे इंस्टीट्यूशंस का निर्माण कर सकते हैं और उन्हें सिर्फ एग्जिट स्ट्रेटजी के तहत वैल्यूशंस को लेकर नहीं सोचना चाहिये। पीएम ने इस पर जोर दिया कि स्टार्टअप को ऐसे इंस्टीट्यूशंस का निर्माण करना चाहिये जो ऐसे विश्व स्तरीय उत्पाद तैयार कर सके जो एक्सीलेंस के मामले में बेंचमार्क स्थापित कर सके। पीएम ने कहा हमें खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिये और ना ही चुनौती से पलायन करना चाहिये। नये भारत में हर भारतवासी प्रगति के लिये अधीर है , भारत में विचारों की कमी नहीं है बल्कि इसे ऐसे मेंटर्स की जरूरत है जो उन विचारों को साकार कर सके। हमारी सरकार नये भारत के युवाओं की इस भावनाओं को समझती है। एक सौ तीस करोड़ से अधिक भारतवासियों की आकांक्षायें हमें तेजी से आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करती है। पीएम ने कहा कि हमारी सरकार टेक इंडस्ट्री की जरूरत को समझती है, सरकार ये भलीभांति जानती है कि बंधनों में भविष्य की लीडरशिप विकसित नहीं हो सकती। इसलिए सरकार की ओर से टेक इंडस्ट्री को अनावश्यक रेग्युलेशंस से, बंधनों से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है ।डिजिटल इंडिया ने लोगों को सशक्त किया है और सरकार से जोड़ा है, जहां कोरोनाकाल में हर क्षेत्र प्रभावित हुआ है, वहीं दूसरी ओर आईटी सेक्टर में दो फीसदी ग्रोथ हुई है। डिजिटल पेमेंट से करप्शन कम हो रहा है।पीएम ने कहा कि पारदर्शिता गुड गवर्नेंस की सबसे अहम शर्त होती है और यही बदलाव अब देश की शासन व्यवस्था टर हो रहा है। यही कारण है कि हर सर्वे में भारत सरकार पर जनता का भरोसा मजबूत से मजबूत होता जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आईटी इंडस्ट्री को सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के तहत ग्रामीण बच्चों में लैटरल थिंकिंग को विकसित करने पर जोर देना चाहिये क्योंकि यह भारत के लिये गेमचेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि बंधनों में भविष्य की लीडरशिप विकसित नहीं हो सकती है इसलिये टेक इंडस्ट्री को अनावश्यक रेगुलेशंस से बाहर निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक के जरिये मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस का वादा पूरा करने में आसानी हुई है। इसके अलावा आईटी के कारण कम समय में ही भारत कैश इकोनॉमी से लेस-कैश इकोनॉमी की तरफ शिफ्ट हुआ है। पीएम ने कहा कि डिजिटल तकनीकी ने काले धन से जुड़ी समस्याओं में कटौती की है। अब सभी प्रोजेक्ट्स की जियो टैगिंग की जा रही है ताकि वो समय से पूरे हो सकें और टैक्स से जुड़े मामलों में भी मानवीय हस्तक्षेप कम किया जा रहा है।

तीन दिनों तक जारी रहेगा सम्मेलन
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बता दें कि एनटीएलएफ के 29वें सम्मेलन का आयोजन 17 से 19 फरवरी तक किया जा रहा है। यह सम्मेलन नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नास्काम) आयोजित करता है। इस वर्ष 2021 में जो आयोजन हो रहा है, उसका विषय ‘शेपिंग द फ्यूचर टूवार्ड्स ए बेटर नॉर्मल’है। इस सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के करीब 1600 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और आयोजन के दौरान 30 से अधिक उत्पाद दिखाये जायेंगे।

Ravi sharma

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