अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
———————————-
रायपुर — छत्तीसगढ़ विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हुआ। सत्र के पहले दिन दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी,राज्य के पूर्व मंत्री चनेशराम राठिया एवं माधव सिंह ध्रुव तथा अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य लुईस बेक, डा.चन्द्रहास साहू, डा.राजेश्वरी प्रसाद त्रिपाठी एवं श्रीमति शशिप्रभा देवी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद मुख्य रूप से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सलाह पर नये केन्द्रीय कृषि कानूनों से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर राज्य के किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिये कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने राज्य का नया कृषि कानून कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक 2020 सदन में पेश किया।कांग्रेस शासित पंजाब में इस सम्बन्ध में विधेयकों को विधानसभा ने पहले ही मंजूरी दे दी है। कृषि उपज मंडी विधेयक के पेश होते ही भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने सदन में एक नवंबर से धान खरीदी की मांँग की। वहीं भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार तीन हजार रुपये समर्थन मूल्य धान का दें हमें आपत्ति नहीं , लेकिन सरकार एक नवंबर से धान खरीदी करे। यानि एक नवंबर से धान की खरीदी की मांँग को लेकर विपक्ष ने सदन में भारी हंँगामा किया। भाजपा विधायकों के जोरदार हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिये स्थगित करनी पड़ी। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कृषि उपज मंडी कानून में बदलाव के लिये ही यह सत्र बुलाया है। वहीं सदन में विधेयक के पेश होने के बाद एक नवंबर से ही धान खरीदी का मुद्दा सदन में गर्माया रहा। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल , नारायण चंदेल , शिवरतन शर्मा , अजय चंद्राकर लगातार एक नवंबर से धान खरीदी की माँग पर अड़े रहे। हालांकि इस बार बारिश देर तक हुई है और धान की आमद होने में विलंब को देखते हुये सरकार खरीदी की तारीख एक नवंबर के बाद करने जा रही है।