देश में यूनिकाॅर्न का कुल वैल्यूशन पच्चीस लाख करोड़ रूपयों से ज़्यादा – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – इस महीने पांच तारीख को देश में यूनिकार्न की संख्या 100 के आंकड़े तक पहुंच गई है। आपको तो पता ही है एक यूनिकॉर्न यानि कम-से-कम साढ़े सात हज़ार करोड़ रूपयै का स्टार्टअप। देश के सामर्थ्य से नया विश्वास जागा है। इन यूनिकॉर्न्स का कुल वैल्यूएशन 330 बिलियन डॉलर यानि 25 लाख करोड़ रुपयों से भी ज्यादा है।
उक्त बातें आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 89 वें एपिसोड में देश में यूनिकॉर्न की सफलता से अपना संबोधन शुरुआत करते हुये कही। पीएम मोदी ने कहा मेरा ‘मन की बात’ के श्रोताओं से भी एक आग्रह है कि आप अपने क्षेत्र में ये पता लगायें कि कौन से महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप काम कर रहे हैं। उनके प्रोडक्ट्स के बारे में भी आप जानकारी जुटायें और ज्यादा-से-ज्यादा इन उत्पादों को उपयोग में लायें। पीएम मोदी ने तंजवूर डॉल का भी जिक्र करतें हुये कहा कि यह एक विशेष तंजवूर डॉल है , जिसे जीआई टैग भी मिला हुआ है। पीएम ने कहा कि मैं तंजवूर सेल्फ हेल्प ग्रुप को विशेष धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने मुझे स्थानीय संस्कृति में रचे-बसे इस उपहार को भेजा। पीएम ने कहा कि आपको ये भी जानकार अच्छा लगेगा कि महिला स्वयं सहायता समूह के ये स्टोर तंजवूर में बहुत ही प्राइम लोकेशन पर खुले हैं। उन्होंने बताया कि इनकी देखरेख की पूरी जिम्मेदारी भी महिलायें ही उठा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि तंजवूर डॉल जितनी खूबसूरत होती है , उतनी ही खूबसूरती से ये महिला सशक्तिकरण की नई गाथा भी लिख रही है | तंजवूर में महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के स्टोर और कियोस्क भी खुल रहे हैं। इसकी वजह से कितने ही गरीब परिवारों की जिंदगी बदल गई है। ऐसे कियोस्क और स्टोर्स की सहायता से महिलायें अब अपने प्रोडक्ट्स , ग्राहकों को सीधे बेच पा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल को ‘थारगईगल कइविनई पोरुत्तकल विरप्पनई अंगाड़ी’ नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें खास बात ये है कि इस पहल से 22 सेल्फ हेल्प ग्रुप जुड़े हुये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में चार धाम यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं से यात्रा के दौरान साफ सफाई का ध्यान रखने का आग्रह करते हुये कहा है कि कुछ यात्री इन पवित्र तीर्थ स्थलों पर गंदगी फैला रहे हैं इसलिये सफाई पर ध्यान देकर अपनी आस्था को नया आयाम दें। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि लोग बड़ी संख्या में लोग ‘चार-धाम’ और खासकर केदारनाथ में हर दिन हजारों की संख्या में पहुँच रहे हैं और यात्रा के सुखद अनुभव भी बांट रहे हैं लेकिन कुछ यात्रियों द्वारा फैलाई जा रही गंदगी से कई लोग बहुत दुखी भी हैं। पीएम ने कहा हम पवित्र यात्रा में जायें और वहां गन्दगी का ढ़ेर हो , ये ठीक नहीं। शिकायतों के बीच कई अच्छी तस्वीरें भी मिल रही हैं। कई श्रद्धालु ऐसे भी हैं जो बाबा केदार के धाम में दर्शन पूजन के साथ स्वच्छता की भी साधना कर रहे हैं। कोई अपने ठहरने के स्थान के पास सफाई कर रहा है तो कोई यात्रा मार्ग से कूड़ा-कचरा साफ कर रहा है।हमारे यहाँ जैसे तीर्थ-यात्रा का महत्व होता है वैसे ही तीर्थ-सेवा का भी महत्व बताया गया है और मैं तो ये भी कहूँगा तीर्थ-सेवा के बिना तीर्थ यात्रा भी अधूरी है। उन्होंने कहा ऐसे ही सेवा भावी लोगों के प्रयासों से देव भूमि और तीर्थों की वो दैवीय अनुभूति बनी हुई हैं जिसे अनुभव करने के लिये हम वहाँ जाते हैं , इस देवत्व और आध्यात्मिकता को बनाये रखने की जिम्मेदारी हमारी भी तो है।पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इस ‘अमृत महोत्सव’ में यही हमारा संकल्प होना चाहिये , यही हमारी साधना भी होनी चाहिये , जिसका एक ही मार्ग है – कर्तव्य , कर्तव्य और कर्तव्य। पीएम ने कहा कि हम कर्त्तव्य पथ पर चलते हये ही समाज को सशक्त कर सकते हैं , देश को सशक्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय आज़ादी के अमृत महोत्सव से जुड़े जो कार्यक्रम चल रहे हैं, जिन आयोजन में आप शामिल हो रहे हैं, उनके बारे में भी मुझे जरूर बताईये।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के अंतिम हिस्से में कहा कि गर्मियों के इस मौसम में आप पशु-पक्षियों के लिये खाना-पानी देने का अपना मानवीय दायित्व भी निभाते रहें – ये जरूर याद रखियेगा। उन्होंने कहा कि आप अपने साथ- साथ अपने आसपास के सभी जीव-जंतुओं का भी ख्याल रखिये।इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि उन्हें मन की बात कार्यक्रम के इस संस्करण के लिये कई सुझाव मिले हैं। उन्होंने खुशी व्यक्त की थी कि युवाओं ने बड़ी संख्या में अपने विचार साझा किये हैं। अपने मन की बात के 88 वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में उद्घाटन किये गये “प्रधानमंत्री संग्रहालय” का उल्लेख करते हुये देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद किया था। पीएम मोदी ने युवाओं से अपने-अपने इलाकों में संग्रहालय देखने का भी आह्वान किया था। उन्होंने कहा था मेरे पास अपने युवा दोस्तों के लिये एक विचार है कि आप अपने इलाके के किसी भी संग्रहालय को देखने जायें , वहां का अपना अनुभव पोस्ट करें। गौरतलब है कि मोदी ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी , जिसमें वे विभिन्न मुद्दों पर देश के लोगों से बात करते हैं। कार्यक्रम आमतौर पर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किया जाता है। इसकी पहली कड़ी 03 अक्टूबर 2014 में प्रसारित हुई थी और यह वर्ष 2019 में एक संक्षिप्त अवधि को छोड़कर (जब प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव के दौरान इसे रोक दिया था ) निर्बाध रूप से चल रहा है। प्रसार भारती अपने आकाशवाणी नेटवर्क पर इस कार्यक्रम को 23 भाषाओं और 29 बोलियों में प्रसारित करता है। इसके अलावा प्रसार भारती अपने विभिन्न डीडी चैनलों पर इस कार्यक्रम के दृश्य संस्करणों को हिंदी और अन्य भाषाओं में भी प्रसारित करता है।

Ravi sharma

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