टीम भूपेंद्र ने ली शपथ — पटेल समुदाय का दबदबा , रुपाणी टीम का पत्ता साफ

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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गांधीनगर — गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले पूरी मंत्रिमंडल में बदलाव कर दिया गया है। गुजरात में भूपेंद्र पटेल को नया मुख्यमंत्री बनाने के बाद अब नई टीम भी तैयार हो चुकी है , जिनका आज विस्तार हुआ। गांधीनगर स्थित राजभवन में आज राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने दस कैबिनेट मंत्रियों और चौदह राज्य मंत्रियों सहित चौबीस नये मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी , जिसमें पांच स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री हैं। सबसे पहले राजेंद्र त्रिवेदी ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है, जो अब तक गुजरात विधानसभा के स्पीकर थे। शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले उन्होंने पद से इस्तीफा दिया था , उनकी जगह अब निमा आचार्य विधानसभा की नई स्पीकर होंगीं। शपथ के बाद मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सभी विधायकों को मुख्यमंत्री ने बधाई दी है। शपथ समारोह में पांच विधायकों ने एक साथ मंत्री पद की शपथ ली है। इस नये मंत्रिमंडल में अस्सी फीसदी युवाओं को मौका दिया गया है , वहीं इसके पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के नेतृत्व वाले पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल के किसी भी मंत्री को नये मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है , यहां तक की पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल की भी छुट्टी कर दी गई है। इस तरह गुजरात में भाजपा नेतृत्व ने फेरबदल नहीं किया है बल्कि एक तरह से नई सरकार ही बना डाली है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुराने चेहरों को जगह ना दिया जाने का यह फार्मूला 2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुये प्रस्तावित किया गया है क्योंकि दो दशक से ज्यादा वक्त से गुजरात में सत्ता में रही भाजपा साफ-सुथरी छवि के साथ मतदाताओं के बीच जाना चाहती है , लेकिन पूरी कैबिनेट के बदलाव को लेकर बीजेपी में अंदरूनी कलह बढ़ गई है। पहली बार विधायक बनने के बाद ही सीएम बने भूपेंद्र पटेल की तरह ही उनकी टीम में ज्यादातर नये चेहरे शामिल हैं। इसके अलावा पाटीदार समुदाय को बड़ा महत्व देते हुये बीजेपी लीडरशिप ने ज्यादातर मंत्री इसी बिरादरी से चुने हैं। मंत्रिपरिषद के गठन पर आगामी विधानसभा चुनावों की छाप स्पष्ट तौर पर देखी जी सकती है। जातीय समीकरणों को साधते हुये भाजपा ने सबसे ज्यादा आठ मंत्री पटेल समुदाय से बनाया है , वहीं इसके बाद छह मंत्री ओबीसी समुदाय से बनाये गये हैं। इनके अलावा दो क्षत्रीय , दो अनुसूचित जाति , तीन अनुसूचित जनजाति और एक मंत्री जैन समुदाय से भी बनाये गये हैं। क्षेत्रीय संतुलन का भी ध्यान इस मंत्रिपरिषद गठन में रखा गया है ताकि पूरे प्रदेश का प्रतिनिधित्व सरकार में हो सके। इसके तहत सबसे ज्यादा सौराष्ट्र से आठ , दक्षिण गुजरात से सात , मध्य गुजरात से छह और उत्तरी गुजरात से  तीन मंत्री बनाये गये हैं। गुजरात की नई मंत्रिपरिषद में राजेंद्र त्रिवेदी , जितेंद्र वघानी , ऋषिकेश पटेल , पूर्णश मोदी , राघव पटेल , उदय सिंह चव्हाण , मोहनलाल देसाई , किरीट राणा , गणेश पटेल और प्रदीप परमार को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। जबकि हर्ष सांघवी , जगदीश ईश्वर , बृजेश मेरजा , जीतू चौधरी , मनीषा वकील , मुकेश पटेल , निमिषा बेन , अरविंद रैयाणी , कुबेर ढिंडोर , कीर्ति वाघेला , गजेंद्र सिंह परमार , राघव मकवाणा , विनोद मरोडिया और देवा भाई मालव राज्यमंत्री बनाये गये हैं।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद से विजय रूपाणी के गत शनिवार को अचानक इस्तीफा देने के बाद सोमवार को भूपेंद्र पटेल ने नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। पटेल को रविवार को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था और सोमवार को गांधीनगर में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी , उस समय उन्होंने अकेले ही शपथ ली थी।

Ravi sharma

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