जेएनएलयू के चाइल्ड राइट्स सेंटर द्वारा नासूर बनते जा रहे मानव तस्करी पर संगोष्ठी का आयोजन–पटना

पटना — आज चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के चाइल्ड राइट्स सेंटर द्वारा साउथ एशिया में हो रहे मानव तस्करी के संदर्भ में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में नेपाल हाई कोर्ट दिव्याल जिले के जज श्री टेक नारायण कुंवर जी,बांग्लादेश से अली कबीर जी जो मानवाधिकार आयोग के साथ काम करते हैं,पाकिस्तान से इरम खान असिस्टेंट प्रोफेसर और भारत के तरफ से डॉक्टर अमन कुमार सेंटर कोऑर्डिनेटर,चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी मौजूद रहे.पहले व्याख्यान में टेक नारायण जी ने नेपाल में हो रहे मानव तस्करी,बाल तस्करी के ऊपर सबका ध्यान अवगत कराया. उन्होंने यह भी बताया कि किस तरीके से भारत-नेपाल के बीच में यह मानव तस्करी की जा रही है, साथ ही साथ उन्होंने विभिन्न तरह के मानव तस्करी जो समाज में अलग-अलग रूप ले रहे हैं उसके ऊपर भी ध्यान आकृष्ट कराया. जिसमें कि फेक मैरिजस,बंधुआ मजदूरी, विभिन्न टूरिस्ट साइट्स पर बच्चों की तस्करी पर अच्छा व्याख्यान दिया. इसी के साथ इस मामले पर न्याय प्रणाली की क्या भूमिका हो सकती है तथा इन विक्टिम्स को उनके अधिकार को दिलाने के लिए क्या किया जा सकता है? उसके ऊपर भी उन्होंने व्याख्यान दिया. उसके बाद बांग्लादेश के अली कबीर जी ने बांग्लादेश, नेपाल और भारत के संदर्भ में जिस तरीके से बॉर्डर क्रास करा लड़कियों का और बच्चों कि तस्करी की जा रही है उसके ऊपर व्याख्यान दिया? साथ ही साथ रोहिंग्या जिस तरीके से बांग्लादेश में एक समस्या बनती जा रही है उसके ऊपर भी उन्होंने व्याख्यान दिया.अली कबीर खान जी ने यह भी बताया कि भारत-नेपाल और नेपाल और भारत के सीमाओं पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के लोगों को भी आपस में समन्वय बनाकर काम करने की जरूरत है,साथ ही साथ उन्होंने यह भी बोला कि एनजीओस की भी अहम भूमिका है लोगों को एक दूसरे के साथ कोआर्डिनेशन बनाए रखने में जिससे जो लोग रेस्क्यू होंगे उनके रिहैबिलिटेशन और एक बॉर्डर से दूसरे बॉर्डर भेजने के प्रोसेस को थोड़ा सा जल्दी किया जा सके.तीसरे व्याख्यान में पाकिस्तान से इलम खान ने भी पाकिस्तान में किस तरीके से बाल विवाह,बाल मजदूरी और बच्चों की तस्करी की जा रही है उसके ऊपर ध्यान आकृष्ट कराया और चौथे व्याख्यान में डॉक्टर अमन कुमार जी ने यह बताया कि किस तरीके से एक शिक्षण संस्थाएं की इस मामले में क्या भूमिका हो सकती है बाल तस्करी, बाल मजदूरी,बाल विवाह को कम करने में, इसी के साथ डॉक्टर अमन कुमार ने यह भी बोला कि cross-border ट्रैफिकिंग भारत और नेपाल के बीच में किस तरीके से एक बहुत ही बड़ा जख्म बनता जा रहा है और इसको जितनी जल्दी हो सके इस को कम करने में किस संस्था की क्या भूमिका हो सकती है उसके ऊपर ध्यान आकृष्ट कराया? डॉक्टर अमन कुमार ने यह भी बोला है कि भारत में किस तरीके से टेक्नोलॉजी को ट्रैफिकर्स के द्वारा इस्तेमाल करते हुए बच्चों की तस्करी में उसका रोल अपनाया जा रहा है उसके ऊपर भी ध्यान देने कि आवश्यकता है. इस संगोष्ठी में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर निपेंद्र प्रताप सिंह भी मौजूद थे जिन्होंने भारत और नेपाल के संदर्भ में हो रहे मानव तस्करी,बाल तस्करी के ऊपर अपने शोध पत्र को विस्तृत तरीके से बताया.जिस तरीके से साउथ एशिया इस मामले का एक सोर्स कंट्री बनता जा रहा है मानव तस्करी, बाल तस्करी और सेक्स ट्रैफिकिंग के लिए और किस तरीके से तीनों देश मिलकर इसको कम कर सकते है उसके ऊपर काफी गहन अध्ययन और रिसर्च की बातें की गई.अंत में चंदन कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.

Ravi sharma

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