जस्टिस धूलिया एवं जस्टिस पारदीवाला ने ली सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की शपथ

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जमशेद बी पारदीवाला ने आज सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने न्यायालय के एडिशनल बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स के ऑडिटोरियम में नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। नवंबर 2019 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या स्वीकृत पदों के बराबर यानि 34 हो गई है। हालांकि 10 मई को जस्टिस विनीत शरण के सेवानिवृत्त होने के बाद यह संख्या घटकर 33 रह जायेगी। इसके अलावा गर्मी की छुट्टी के दौरान सात जून को जस्टिस एल नागेश्वर राव भी सेवानिवृत्त होंगे। वहीं जस्टिस एएम खानविलकर 29 जुलाई , चीफ जस्टिस (सीजेआई) एनवी रमण 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सेवानिवृत्ति से पहले सीजेआई रमण के कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट में तीन और रिक्तियां हो जायेंगी। इसके अलावा जस्टिस इंदिरा बनर्जी इसी वर्ष 23 सितंबर और जस्टिस यूयू ललित आठ नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस वर्ष के अंत तक सुप्रीम कोर्ट के छह और जज सेवानिवृत्त होंगे।

संक्षिप्त परिचय जस्टिस धूलिया
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जस्टिस धूलिया का जन्म 10 अगस्त 1960 को लैंसडाउन , पौड़ी गढ़वाल में हुआ था और उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून और इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुई थी। वे सैनिक स्कूल लखनऊ के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली है। ये वर्ष 1986 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में बार में शामिल हुये और वर्ष 2000 में इसके गठन पर अपने गृह राज्य उत्तराखंड में स्थानांतरित हो गये। वे उत्तराखंड हाईकोर्ट में पहले मुख्य सरकारी वकील थे और बाद में उत्तराखंड राज्य के लिये एक अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे। उन्हें वर्ष 2004 में एक सीनियर एडवोकेट के रूप में नॉमिनेट किया गया। उन्हें नवंबर 2008 में उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और बाद में 10 जनवरी 2021 को आसाम / मिजोरम /नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।

संक्षिप्त परिचय जस्टिस पारदीवाला
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12 अगस्त 1965 को मुंबई में जन्मे जस्टिस पारदीवाला ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गृह नगर वलसाड (दक्षिण गुजरात) के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से की। उन्होंने जेपी आर्ट्स कॉलेज वलसाड से स्नातक किया। उन्होंने वर्ष 1988 में केएम मुलजी लॉ कॉलेज वलसाड से कानून की डिग्री प्राप्त की। ये वकीलों के परिवार में चौथी पीढ़ी के कानूनी पेशेवर हैं। उनके पिता स्वर्गीय बुर्जोर कावासजी पारदीवाला ने वलसाड और नवसारी जिलों में 52 वर्षों तक वकालत की। उन्होंने कुछ समय के लिये गुजरात की सातवीं विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था। उनके दादा और परदादा भी वकील थे और वलसाड और नवसारी जिलों में वकालत करते थे। जस्टिस पारदीवाला ने वर्ष 1990 में गुजरात हाईकोर्ट में लॉ प्रैक्टिस शुरू की। उन्हें वर्ष 1994 में बार काउंसिल ऑफ गुजरात के सदस्य के रूप में चुना गया था। उन्हें वर्ष 2002 में गुजरात हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रूप में नियुक्त किया गया और वे 17 फरवरी 2011 को बेंच में उनकी पदोन्नति की तारीख तक पद पर रहे। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जस्टिस पारदीवाला 2027 में चीफ जस्टिस भी बनेंगे।

Ravi sharma

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