क्वाड हिंद -प्रशांत को बेहतर क्षेत्र बनाने में सहायक – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
➖➖➖➖➖➖➖➖
टोक्यो – भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दूसरे दिन जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा ने उनकी आगवानी की। जापानी प्रधानमंत्री से मिलने के बाद पीएम मोदी ने भारत-जापान द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लिया। इसके बाद क्वाड नेताओं की दूसरी व्यक्तिगत बैठक शुरू हुई। पीएम मोदी ने अमेरिका , जापान व ऑस्ट्रेलिया के नेताओं संग बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विकास तथा आपासी हित के वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान की गई। इसके अलावा इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर चीन की तानाशाही तक के मुद्दे उठाये गये। सभी देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के लिये दृढ़ संकल्प लिया। क्वाड में भारत , अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। पीएम मोदी के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन , जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने भी इस शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यह क्वाड शिखर सम्मेलन ऐसे समय में भी आयोजित हुआ , जब चीन और क्वाड सदस्य देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गये हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की पृष्ठभूमि में, भारत, अमेरिका और विश्व की कई अन्य शक्तियां स्वतंत्र, खुले एवं संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दे रही हैं। क्वाड संयुक्त नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य जारी करते हुये कहा कि  हम किसी भी जबरदस्ती , उत्तेजक या एकतरफा कार्रवाई का पुरजोर विरोध करते हैं जो यथास्थिति को बदलने और तनाव बढ़ाने की कोशिश करता है। हम पूर्व और दक्षिण चीन सागर में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में परिलक्षित अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करेंगे। क्वाड देशों ने कहा है कि वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से घोषित आतंकियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में एक दूसरे की मदद करेंगे।क्वाड देशों ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की तरफ से गलत तरीके से दूसरे देश की सामुद्रिक सीमाओं में मछली मारने की गतिविधियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से एक नए कार्यक्रम चलाने की घोषणा की है। इंडो पैसिफिक मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस नाम की इस योजना से सदस्य देशों को तैयार किया जायेगा कि वो अपनी समुद्री सीमा की गतिविधियों का ज्यादा अत्याधुनिक तरीके से निगरानी कर सकें।
टोक्यो में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्वाड समूह के सदस्य देशों के बीच की पारस्परिक सामंजस्य का जिक्र करतें हुये कहा कि क्वाड ताकत वाला एक समूह बनकर उभरा है। उन्होंने जोर दिया कि आपसी विश्वास लोकतांत्रित देशों को नई ऊर्जा देते हैं। क्वाड हिंद-प्रशांत को बेहतर क्षेत्र बनने में सहायता करता है। उन्होंने कहा कि क्वाड ने कुछ ही समय में वैश्विक मंच पर एक अहम स्थान हासिल कर लिया है। उन्होंने आगे कहा कि आज क्वाड का दायरा व्यापक हो गया है और उसकी पहचान महत्वपूर्ण हो गई है। क्वाड देशों के बीच आपसी विश्वास और दृढ़ संकल्प ना सिर्फ लोकतांत्रिक ताकतों को नयी ऊर्जा दे रहा है बल्कि एक स्वतंत्र , खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थापना को प्रोत्साहित भी कर रहा है। पीएम मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान क्वाड समूह के सदस्य देशों के बीच पारस्परिक सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा महामारी के दौरान कठिनाइयों के बावजूद वैक्सीन डिलीवरी , आपदा प्रबंधन व आर्थिक सहयोग के अलावा भी कई क्षेत्रों में सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग का बेहतरीन उदाहरण सामने आया। इसने हिंद प्रशांत में शांति, सौहाद्र व स्थिरता भी सुनिश्चित किया है। कोविड-19 के बावजूद वैक्सीन वितरण , जलवायु कार्रवाई , सप्लाई चेन में लचीलापन , आपदा प्रतिक्रिया , आर्थिक सहयोग और अन्य क्षेत्रों के लिये समन्वय से भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति , समृद्धि और स्थिरता आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय विद्यार्थियों को क्वाड फेलोशिप प्रोग्राम के लिए आगे आने को कहा। उन्होंने कहा कि मानवता के विकास के लिये यह जरूरी है। दरअसल आस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका ने आज टोक्यो में क्वाड फेलोशिप प्रोग्राम को लान्च किया जिसमें अमेरिका में साइंस, मैथ्स, इंजीनियरिंग और टेक में ग्रेजुएशन के लिए सदस्य देशों के 100 विद्यार्थियों की पढ़ाई को स्पांसर किया जायेगा। पीएम मोदी ने अमेरिकी उद्योग जगत को भारत आने और ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत सह-विकास, सह-डिजाइन और सह-निर्माण में भाग लेने के लिये गर्मजोशी से और मजबूत निमंत्रण दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि ‘क्वाड सिर्फ सनक के लिये नहीं बना है , हम व्यापार और सुरक्षा के लिये हैं। उन्होंने कहा हमारा ऐसा मुक्त एवं खुला हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने का साझा लक्ष्य है , जो अधिक समृद्ध होगा और हमारे सभी सदस्यों के लिये बेहतर अवसर प्रदान करेगा। मैं समावेशी विकास एवं साझा समृद्धि हासिल करने के लिये आर्थिक सहयोग को मजबूत करने और आप सभी के साथ मिलकर काम करते रहने का इच्छुक हूं। यूक्रेन युद्ध को लेकर बात करते हुये बिडेन ने कहा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। अब ये सिर्फ यूरोप का मुद्दा नहीं रह गया है बल्कि यह एक वैश्विक मुद्दा बन चुका है। रूस द्वारा यूक्रेन को अनाज निर्यात करने से रोके जाने से वैश्विक खाद्य संकट और गहरा सकता है। जब तक रूस युद्ध जारी रखेगा , अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ काम करेगा।ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने कहा कि मेरी सरकार आप लोगों के देशों के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है।

नई ऑस्ट्रेलियाई सरकार आर्थिक , साइबर , ऊर्जा , स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा के माध्यम से जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने और अधिक लचीला हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण को प्राथमिकता देती है। वहीं क्वाड सम्मेलन में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित सिद्धांतों को पूरी तरह से चुनौती देता है। उन्होंने कहा कि हमें आसियान , दक्षिण एशिया के साथ-साथ प्रशांत द्वीप देशों के देशों की आवाजों को ध्यान से सुनना चाहिये ताकि आगे सहयोग को आगे बढ़ाया जा सके।

Ravi sharma

Learn More →