कोरोना के खिलाफ अभी लड़ाई बाकी — नरेन्द्र मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संदेश देते हुये कोरोना के संदर्भ में कबीरदास के दोहे का जिक्र करते हुये कहा- पकी खेती देखिके, गरब किया किसान। अजहूं झोला बहुत है, घर आवै तब जान। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है। हममें से अधिकांश लोग अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिये फिर से जीवन को गति देने के लिये रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है। लेकिन, हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाऊन भले चला गया हो, वायरस नही गया है। बीते सात-आठ महीनों में हर भारतीय के प्रयास से भारत आज जिस सम्हली हुई स्थिति में है, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है। उन्होंन कोरोना वायरस को लेकर कहा कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिये युद्धस्तर पर काम हो रहा है। अनेक देश इसके लिये काम कर रहे हैं। हमारे देश के वैज्ञानिक भी वैक्सीन के लिए जी-जान से जुटे हैं। भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन्स पर काम चल रहा है। इनमें से कुछ एडवान्स स्टेज पर हैं। मोदी ने कहा कि हमें उसमें सुधार करना है। आज देश में फैटेलिटी रेट कम है, रिकवरी रेट ज्यादा है। दुनियाँ के साधन संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। कोविड महामारी के खिलाफलड़ाई के टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत है। अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों में 10 लाख लोगों में संक्रमितों का आंकड़ा 25 हजार के पास है। भारत में 10 लाख लोगों में मृत्यु दर 83 है। अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन जैसे देशों में ये आँकड़ा 600 के पार है। देश में कोरोना मरीजों के लिए 90 लाख से ज्यादा बेड्स उपलब्ध हैं। 12 हजार क्वारैंटाइन सेंटर्स हैं। कोरोना टेस्टिंग की 2 हजार लैब काम कर रही हैं. देश में टेस्ट की संख्या जल्द ही 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी। सेवा परमो धर्म के मंत्र पर चलते हुये हमारे डॉक्टर,नर्स, हेल्थ वर्कर, सुरक्षा कर्मियों ने इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा की। इन सभी प्रयासों के बीच ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीें है कि कोरोना चला गया या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है। अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं , बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं तो आप अपने आप को , अपने परिवार के बच्चों – बुजुर्गों को ,उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं। जब तक इस महामारी की वैक्सीन नही आ जाती , हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को कमजोर पड़ने नही देना है। कोरोना की वैक्सीन जब भी आयेगी , वो जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुँचे इसके लिये भी सरकार की तैयारी जारी है। इसलिये दो गज की दूरी ,समय समय पर साबुन से हाथ धुलना और मास्क लगाना अनिवार्य समझें।

Ravi sharma

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